मैं…
मैं …मैं राहगीर हूँ, तो राह भी मैं ही हूँ. मैं श्रमिक हूँ, तो श्रम भी मैं ही हूँ. मैं
Read moreमैंने वक्त को बदलते देखा है, कल को आज और आज को कल में बदलते देखा है, तंग गलियों में
Read moreप्रशान्त आर्यवंशी kprashant1920@gmail.com अब गरीबों से बात कौन करता है ! वो शाह लोग हैं.. मुलाकात कौन करता है
Read moreहर एक बात पर इतना क्यों अकड़ रहा है वो, टूटा हुआ है अंदर से ज़र्रा-ज़र्रा झड़ रहा है वो।
Read moreनारी तेरे संधर्ष की गाथा, कोई लिख ना पाएगा, जितना भी लिख लो, यह किस्सा अधूरा रह जाएगा। किसी
Read moreबड़े हो तो इतना बड़प्पन भी दिखाया करो, छोटी मोटी बातों में औकात पे मत आया करो। ********* जब भी
Read moreजब से तुम से आँखे चार हुई है, ज़िदगी तब से गुलज़ार हुई है। तुझ से मिलकर जीना सीखा है,
Read moreमैं ही हूँ तिरंगा, हाँ! कहा ना मैं ही हूँ तिरंगा,! लेकिन इतने दिनो तक कहाँ था ? क्यों मैं
Read moreअगर इंसान की पूँछ होती, तो क्या अजब ये दुनिया होती, पूंछों मूंछों के चक्कर में,सारी दुनिया उलझी होती। अगर
Read moreसालों सँभलना है एक पल में बहक जाना है, दिल क्या हाथों से रेत सर-सर सरक जाना है। ********* नाज़
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