बिन कहे सब जान जाती है वो…
कभी जिसको देखा नहीं आराम करते हुए मैंने, मगर देखा सबका खयाल रखते हुए मैंने। सबको नये कपड़े दिलाकर
Read morePost by writers
कभी जिसको देखा नहीं आराम करते हुए मैंने, मगर देखा सबका खयाल रखते हुए मैंने। सबको नये कपड़े दिलाकर
Read moreप्रशान्त आर्यवंशी kprashant1920@gmail.com अब गरीबों से बात कौन करता है ! वो शाह लोग हैं.. मुलाकात कौन करता है
Read moreहर एक बात पर इतना क्यों अकड़ रहा है वो, टूटा हुआ है अंदर से ज़र्रा-ज़र्रा झड़ रहा है वो।
Read moreबंद को लेकर पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल रहा. कई जगहों पर हिंसा हुई. कई लोगों की जानें भी
Read moreयह लेख भगत सिंह ने जेल में रहते हुए लिखा था और यह 27 सितम्बर 1931 को लाहौर के अखबार
Read moreबहुत कम ऐसे वैज्ञानिक होते हैं, जो समाज के विरोध की परवाह किये बगैर अपनी बात पर अटल रहते हैं.
Read moreनारी तेरे संधर्ष की गाथा, कोई लिख ना पाएगा, जितना भी लिख लो, यह किस्सा अधूरा रह जाएगा। किसी
Read moreबड़े हो तो इतना बड़प्पन भी दिखाया करो, छोटी मोटी बातों में औकात पे मत आया करो। ********* जब भी
Read moreजब से तुम से आँखे चार हुई है, ज़िदगी तब से गुलज़ार हुई है। तुझ से मिलकर जीना सीखा है,
Read more