Patna marine drive के पास 31 दिसंबर तक Sanjha utsav

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पटना. दोस्तों अगर आप पटना में हैं, तो मरीन ड्राइव (Patna marine drive) यानी गंगापथ (Gangapath) के बारे में तो जानते ही होंगे, जो पटना (Patna) के लोगों का नया नवेला पिकनिक स्पॉट (Picnic Spot) है. पर साल के अंत में लोगों के इस फेवरेट जगह पर सरकार ने एक नयी व्यवस्था की है, जिसे सांझा उत्सव (Sanjha Utsav) का नाम दिया गया है.

दरअसल यहां पर एक बाजार लगाया गया है, जिसकी व्यवस्था सरकार की तरफ से की गयी है. यहां पर स्वरोजगार करने वाले कई दुकानदारों को मौका दिया गया है, जो राज्य के कई क्षेत्रों से यहां आये हैं. दरअसल इसे सरस मेला पार्ट 2 भी कहा जा रहा है, क्योंकि अभी हाल ही पटना के गांधी मैदान में सरस मेला समाप्त हुआ है. पर इसके तुरंत बाद ही वहां के कुछ दुकानदारों के लिए मरीन ड्राइव पर इस मेले की व्यवस्था कर दी गयी है.

हालांकि यह सरस मेले जितना बड़ा नहीं है, पर इसमें भी 70 स्टॉल लगाये गये हैं. अनुमान लगाया जा रहा है यहां इस मेले की व्यवस्था इसलिए भी की गयी, ताकि देखा जा सके कि पब्लिक ने जितना प्यार सरस मेले को दिया, क्या उतना ही प्यार इसे मरीन ड्राइव पर भी मिलता है. कुछ हद तक यह सफल भी होता दिख रहा है, क्योंकि शाम के समय जब मरीन ड्राइव पर भीड़ उमड़ रही है, तो उस समय यहां मेले की भी रौनक बढ़ जा रही है. यहां कई तरह के स्टॉल लगाये गये हैं.

कपड़े की दुकानों से लेकर, सुंदर कलाकृतियों से सजे पर्स, घरेलु सजावट के सामान, कुछ विशेष प्रकार के पकवान, अलग-अलग किस्म के सत्तू, मल्टी ग्रेन ठेकुआ आदि सामान यहां उपलब्ध हैं. कई दुकानों में फिक्स कीमत है, तो कई दुकानों पर आप मोल भाव भी कर सकते हैं. यहां पर स्टेज और बैठने की भी व्यवस्था की गयी है, जिस पर शाम के समय कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

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खाने-पीने की दुकानों की है विशेष व्यवस्था

चूंकि यह मेला मरीन ड्राइव के पास है, तो यहां खाने-पीने के स्टॉल की भी अच्छी व्यवस्था की गयी है. जिसका लोग जमकर लुत्फ उठा रहे हैं. राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के व्यंजन आपको यहां खाने के लिए मिल जायेंगे. यहां सबसे अधिक भीड़ मक्के की रोटी और सरसों के साग के काउंटर पर दिखी. इससे पता चलता है कि लोग यहां के पारंपरिक खानों को कितना पसंद करते हैं. इसके अलावा उड़द दाल की इमरती के काउंटर पर भी काफी लोग दिख रहे थे. इसके अलावा यहां सैंडविच, लाइ, गोंद के लड्डू, चाट, पकौड़े आदि की भी बेहतरीन व्यवस्था दिखी.

बच्चों के लिए भी है व्यवस्था

यहां पर बच्चों के लिए झूले आदि के इंतजाम भी हैं. मेले के बाहर कई लोग रिमोट वाली छोटी गाड़ियां लेकर भी रहते हैं, जिस पर बैठा कर वे बच्चों को सैर कराते हैं.

बोटिंग का भी ले सकते हैं आनंद

मेले के ठीक बगल में ही गंगा में बोटिंग की भी व्यवस्था है. हालांकि इसका इस मेले से कोई लेना देना नहीं है. पर अगर आप मेला जाते हैं, तो बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं. यहां स्पीड बोटिंग की भी व्यवस्था की गयी है. हालांकि इसकी फीस थोड़ी ज्यादा है. हालांकि सामान्य बोटिंग की फीस 50 रुपये से शुरू होती है.

 

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