आपकी कलम से जो आज बहार है कभी पतझड़ था वो… April 25, 2018 wordtoword.in gajal, ghajal, hindi kavita, kavita, poem, shayri, urdu poem, urdu shayri, word to word, wordtoword हर एक बात पर इतना क्यों अकड़ रहा है वो, टूटा हुआ है अंदर से ज़र्रा-ज़र्रा झड़ रहा है वो। Read more