गजल

Spread the love

शैलेन्द्र “उज्जैनी” vshailendrakumar@ymail.com

दिल मे शोले और आग अगर हो… तो ग़ज़ल होती है,
आँख किसी दीवाने की तर हो… तो ग़ज़ल होती है।
*******
वो जो मेरे कूचे से गुज़रे तो मेरा चेहरा हो मेहताब,
और फिर उनकी लचकती कमर हो… तो ग़ज़ल होती है।
*******
यूँ तो आता है मुझे बाकायदा हौसलों से उड़ना यारों,
फिर उसपे भी गमज़दा जिग़र हो…तो गज़ल होती है।
*******
दुनिया क्या है ग़मों की पूरी खान है,
सामने आँखो के गम-ए-मंजर हो… तो ग़ज़ल होती है।
*******
चेहरा क्या है उसका जैसे खिलता गुलाब है “उज्जैनी”
और उसपर भी सजती लाल चुनर हो… तो ग़ज़ल होती है…

                             

****

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
READ  क्यों इंसान पीने लगे जानवरों का दूध, यहाँ जानिये
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange