गजल

दिल मे शोले और आग अगर हो… तो ग़ज़ल होती है,
आँख किसी दीवाने की तर हो… तो ग़ज़ल होती है।
*******
वो जो मेरे कूचे से गुज़रे तो मेरा चेहरा हो मेहताब,
और फिर उनकी लचकती कमर हो… तो ग़ज़ल होती है।
*******
यूँ तो आता है मुझे बाकायदा हौसलों से उड़ना यारों,
फिर उसपे भी गमज़दा जिग़र हो…तो गज़ल होती है।
*******
दुनिया क्या है ग़मों की पूरी खान है,
सामने आँखो के गम-ए-मंजर हो… तो ग़ज़ल होती है।
*******
चेहरा क्या है उसका जैसे खिलता गुलाब है “उज्जैनी”
और उसपर भी सजती लाल चुनर हो… तो ग़ज़ल होती है…
****
ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।