नारी: तुमसे ही है जीवन गाथा

Spread the love

शैलेन्द्र “उज्जैनी” vshailendrakumar@ymail.com

 

नारी तेरे संधर्ष की गाथा,
कोई लिख ना पाएगा,
जितना भी लिख लो,
यह किस्सा अधूरा रह जाएगा।

किसी के आँगन की कली है ये,
जाने किस चौखट की शान बनेगी,
तेरे इस बलिदान को कोई,
कभी समझ न पाएगा।

जिस दिन से जन्म लिया तूने,
एक पल न आराम मिला है,
तेरी जैसी ज़िदगी मिले तो,
नर एक दिन भी जी न पाएगा।

बेटों ने धोखे दिये,
माँ-बाप को घर से बाहर किया,
निश्छल प्रेम माँ-बाबुल से,
सिवा नारी कोई कर ना पाएगा।

सारी उम्र बस संघर्षों का दामन है,
और पीना है अपमान ,
शिव ने पिया था हलाहल,
सिवा तुम्हारे आज यह,
किसी और से पिया न जाएगा।

नारी तू इस धरा पर है इश्वर का प्रतिरूप ,
तू बेटी है, बहन है, माँ, दादी और नानी है।
शुरूआत भी तुम और अंत भी तुम्ही हो इस संसार का
तेरे संग-संग ही चलती यहाँ,
जीवन की कहानी है।

तेरे बिना यह संसार जी न पाएगा,
“उज्जैनी ” भी रो उठा है,
अब और लिख न पाएगा।

****

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
READ  विंडोज 10 पर भी देख सकेंगे अपने स्मार्ट फोन के नोटिफिकेशन
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange