फादर्स डे स्पेशल : बाबा का सहारा | शैलेन्द्र ‘उज्जैनी’
न दौलत चाहिए ,न शोहरत चाहिए…. जिनको पकड़कर चलना सीखा था….. फिर उन उँगलियों का सहारा चाहिए… अकेला हो गया
Read moreये दुनिया जानती है तो उसे पहचान लेने दो उसे हक है वो जो माने उसे बस मान लेने
Read moreआज बाहरवी का नतीजा आने वाला है. सब जगह मंदिरों में छात्र-छात्राओं की भीड़ उमड़ी पड़ी है. हो भी क्यों
Read moreचारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था. एक अनजान सी बीमारी ने पूरे शहर को आगोश मे ले लिया था. सारे
Read moreअब भी वो गुज़रा ज़माना याद आता है, शाम जब भी बैठता हूँ तो दोस्त पुराना याद आता है। …..
Read moreजितना मेरी आँखो में है बस उतना मंज़र मेरा है, मेरे लोटे में आ जाए बस उतना समंदर मेरा है।
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