सामाजिक नियमों पर सवाल उठाती फिल्म कलंक की पूरी कहानी यहाँ पढ़िए
मल्टीस्टारर फिल्म कलंक रिलीज हो चुकी है और दर्शकों की इसपर प्रतिक्रिया भी मिलनी शुरू हो गयी है. ज्यादातर लोगों ने फिल्म को सराहा है. अगर आपने अभी तक यह फिल्म नहीं देखि है तो यहाँ इस फिल्म की कहानी एक झलक पढ़िए और फिर फिल्म को देखने या न देखने पर अपना मूड बनाइये.
फिल्म की कहानी भारत-पाकिस्तान के अलग होने से पहले की है. लाहौर के पास स्थित हुसैनाबाद पर ज्यादातर लोग मुस्लिम हैं. हालांकि यहां रहने वाला चौधरी परिवार हुसैनाबाद का सबसो शक्तिशाली परिवार है. इस परिवार में बलराज चौधरी(संजय दत्त) और उनका बेटा (आदित्य रॉय कपूर) और पत्नी सत्या(सोनाक्षी सिन्हा) हैं. देव की जिंदगी में अचानक तब बदलाव आता है जब उसकी शादी रूप(आलिया भट्ट) से हो जाती है. शादी के बाद रूप संगीत सीखना चाहती है जिसके लिए वो बहार बेगम (माधुरी दीक्षित) के यहां संगीत सीखने जाती हैं. लेकिन फिर यहां रूप की मुलाकात होती है जफर(वरुण धवन) से. जिसके बाद रूप और जफर को प्यार हो जाता है. उसके बाद एक बड़ा ट्विस्ट आता है.
रिव्यू: जैसा कि फिल्म का नाम है कलंक उसी हिसाब से फिल्म में समाज में बुने गए नियमों पर सवाल उठाती है. फिल्म की कहानी ज्यादातर इसी बात पर फोकस करती है कि किस तरह प्यार को समाज, धर्म और कई चीजों से गुजरना पड़ता है. फिल्म का प्वाइंट तो मजबूत है, लेकिन एक मोड़ पर फिल्म थोड़ी कमजोर पड़ती है. हालांकि बाद में फिल्म फिर उठती है और लास्ट का एंड दिलचस्प है जिसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
डायलॉग्स/गानें: फिल्म में कई गाने हैं, जिनमें से कुछ अट्रैक्ट करते हैं तो कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाते. फिल्म के डायलॉग्स अच्छे हैं, लेकिन फिल्म आगे बढती है तो कई डायलॉग रिपीट होते नजर आते हैं.