क्या आपको भी आत्महत्या के लिए उकसाता है पूरनमासी का चाँद?

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चाँद से चेहरों के पीछे दीवाने होकर जान देने वालों की आज भी कमी नहीं है. लेकिन जिस आसमान के चाँद को देखकर उससे अपने महबूबा की तुलना आप करते हैं और जिसपर शायर और गीतकार एक से बढ़कर एक नगमें लिखते हैं क्या उस चाँद ने कभी आपको मौत के मुंह में जाने पर मजबूर किया है? पूरनमासी के चाँद को लेकर सदियों से कई तरह के किस्से कहानियां लोगों के सामने आते रहे हैं. इनमें कितनी सच्चाई है ये तो विज्ञान ही बता सकता है. लेकिन जिन लोगों ने इसे महसूस किया है वे इसे सच मानने पर मजबूर हैं और हर पूरनमासी की रात को ज्यादा सतर्क भी रहते हैं.

क्या कहते हैं शोध 

पूरनमासी के चाँद का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है, इसे लेकर विज्ञान ने कुछ शोध भी किये हैं. जिसके नतीजों की माने तो पूरे चाँद की रात में आपको सामान्य दिनों के मुकाबले 5 मिनट देर से नींद आती है. यही नहीं आप 20 मिनट कम सोते भी हैं और सामान्य दिनों में आप जितनी गहरी नींद लेते हैं उससे 30% कम गहरी नींद आपको पूरनमासी की रात को आती है.  कुछ लोग मानते हैं कि शायद ऐसा एक्स्ट्रा लाईट की वजह से होता हो और लोगों को खिड़की दरवाजे अच्छी तरह बंद कर सोने को कहते हैं. हालांकि इसकी वजह वहम भी हो सकती है. जिन चीजों पर हमारा बार ध्यान जाता है या जो भी अफवाह हम सुनते हैं वह कहीं न कहीं हमारे दिमाग को प्रभावित करती है और इस वहम के कारण भी कई लोगों को नींद नहीं आती और उन्हें लगता है कि शायद पूरनमासी के चाँद की वजह से यह सब हो रहा है. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा प्राकृतिक कारणों से होता है. जिसमें चाँद का पृथ्वी के करीब होना शामिल है. यहाँ ये भी ध्यान देने वाली बात है कि इसी की वजह से समुद्रों के पानी में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिलता है जिसे सामान्य भाषा में ज्वार भाटा कहा जाता है.  पूरणमासी की रात को लोगों में आत्महत्या की भावना कुछ ज्यादा ही देखी जाती है और डिप्रेशन के शिकार ज्यादातर लोग आत्महत्या करने के लिए इसी दिन को चुनते हैं. इस रात को लोग नींद में चलते हुए भी देखे जाते हैं.

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कितनी सच्ची है वेयरवुल्फ्स की कहानी

पूरनमासी के चाँद के साथ जो कहानी सबसे ज्यादा मशहूर हुई है वो है इंसानों के भेडिये में बदल जाने की कहानी. कई लोग मानते हैं कि इस दिन लोगों के बर्ताव में बदलाव आता है और वे थोडा एग्रेसिव और चिडचिडे हो जाते हैं. पूरनमासी के दिन वायलेंट एक्सीडेंट और साइकिएट्रिक केसेज में भी वृद्धि देखि जाती है ये भी एक वजह है कि ऐसी बातों को बल मिलता है. इंग्लैण्ड में कुछ पुलिसकर्मी भी पूरनमासी की रात को इसी नजरिये से देखते हैं और इस दिन एक्स्ट्रा पुलिस फ़ोर्स और सिक्योरिटी भी लगा कर रखते हैं. उनके अनुसार इस दिन क्राइम और जानलेवा हमलों में उन्होंने काफी बढ़ोतरी देखी है. यही नहीं सामान्य लोग भी चेकिंग के दौरान बाकी दिनों के मुकाबले पूरनमासी की रात काफी एग्रेसिव बर्ताव करते हैं. कुछ तो बुरी तरह बहसबाजी पर ही उतर आते हैं.

एक मिथक यह भी है कि इस रात महिलायें आराम करने के बजाय काम करने के लिए प्रेरित होती हैं. कहा जाता है कि इस रात जानवर बेवजह भी इंसानों को काट लेते हैं. पूरनमासी की रात का आपका अनुभव अब तक कैसा रहा है? अगर आपने अब तक इसे महसूस नहीं किया है तो आने वाली 21 जनवरी 2019 को सुपर ब्लड मून के साथ इसे जरूर समझने की कोशिश करें.

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