फादर्स डे स्पेशल : बाबा का सहारा | शैलेन्द्र ‘उज्जैनी’
न दौलत चाहिए ,न शोहरत चाहिए…. जिनको पकड़कर चलना सीखा था….. फिर उन उँगलियों का सहारा चाहिए… अकेला हो गया
Read moreये दुनिया जानती है तो उसे पहचान लेने दो उसे हक है वो जो माने उसे बस मान लेने
Read moreजितना मेरी आँखो में है बस उतना मंज़र मेरा है, मेरे लोटे में आ जाए बस उतना समंदर मेरा है।
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