कौन हैं वे 2 महिला ऑफिसर्स जिनको नौसेना ने पहली बार फाइटर प्लेन के लिए चुना है

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भारतीय नौसेना ने पहली बार हेलिकॉप्‍टर स्‍ट्रीम में दो महिलाओं को ‘ऑब्‍जर्वर्स’ (एयरबोर्न टैक्‍टीशियंस) के रूप में चुना है. इससे फ्रंटलाइन जंगी जहाजों पर महिलाओं की तैनाती का रास्‍ता साफ हो गया है. सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्‍यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह को यह सम्‍मान हासिल होगा. वह भारत की पहली महिला एयरबोर्न टैक्‍टीशियंस होंगी जो जंगी जहाजों के डेक से काम करेंगी. नौसेना ने इस ऐतिहासिक कदम के लिए 17 ऑफिसर्स में से इन दो को चुना है.

मिली है खास ट्रेनिंग

ये दोनों ‘ऑब्‍जर्वर्स’ एक खास टीम का हिस्‍सा थे. इन्‍हें एयर नेविगेशन, फ्लाइंग प्रोसीजर्स, हवाई युद्ध के दौरान की आजमाई जाने वाली तरकीबों, ऐंटी-सबमरीन वारफेयर के अलावा एवियॉनिक सिस्‍टम्‍स की भी ट्रेनिंग दी गई है. अबतक महिलाओं की एंट्री फिक्‍स्‍ड विंग एयरक्राफ्ट तक सीमित थी जो समुद्रतटों के पास ही टेकऑफ और लैंड करते थे.

सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्‍यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह नेवी के 17 अधिकारियों के एक ग्रुप का हिस्सा हैं. इस ग्रुप में चार महिला अधिकारी थीं. सभी को कोच्चि में आईएनएस गरुड़ पर हुए समारोह में ‘ऑब्‍जर्वर्स’ के रूप में ग्रैजुएट होने पर ‘विंग्‍स’ से सम्‍मानित किया गया था.

एयरफोर्स ने भी महिलाओं को दी अहम जिम्‍मेदारी

नेवी के इस फैसले की खबर भी उसी दिन आई, जब यह पता चला कि वायुसेना ने भी बड़ा कदम उठाया है. राफेल लड़ाकू विमानों को उड़ाने के लिए भी एक महिला पायलट को चुना गया है. वह पायलट इस वक्‍त कन्‍वर्जन ट्रेनिंग से गुजर रही हैं. वह जल्‍द 17 स्‍क्‍वाड्रन का हिस्‍सा बन जाएंगी. करगिल युद्ध में पहली बार एयरफोर्स ने महिला पायलट्स को ऐक्टिव ऑपरेशंस का हिस्‍सा बनाया था. साल 2016 में सरकार ने महिलाओं को फाइटर फ्लाइंग की अनुमति भी दे दी थी. तब से अबतक 10 महिला पायलट्स कमिशन की गई हैं.

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