तस्वीरों के साथ इंजीनियर ने किया विक्रम लैंडर को चाँद पर खोज निकालने का दावा, इसरो कर रहा है जांच
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान के चांद की सतह पर सही सलामत उतरने के दावों की जांच कर रहा है. चंद्रमा की सतह पर लैंडर विक्रम के मलबे को तलाश करने वाले शनमुग सुब्रमण्यम ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि रोवर प्रज्ञान सही सलामत विक्रम से बाहर निकला था और कुछ दूर तक चला भी था.
Here is image taken by NASA on Sept17th where the Lander & Rover are visible also (see the darkness and the shadows which would have made it difficult for the lander to visible enough) pic.twitter.com/prW7sD6qtI
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 3, 2020
चंद्रमा की सतह की तस्वीरों के साथ ट्वीट में सुब्रमण्यम ने कहा कि प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर सही सलामत उतरा और लैंडर विक्रम से बाहर निकलकर कुछ दूर तक चला. इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने कहा कि सुब्रमण्यम से जानकारी मिली है और उसका आकलन किया जा रहा है. सुब्रमण्यम ने कहा है कि कई दिनों तक लैंडर को कमांड भेजे गए थे.
https://twitter.com/Ramanean/status/1290141837596880898?s=19
इसकी संभावना है कि लैंडर उस कमांड को रोवर तक भेजा हो लेकिन संपर्क टूट जाने की वजह से लैंडर उसे पृथ्यी के नियंत्रण कक्ष तक भेजने में सक्षम नहीं था. नासा के लूनर रिकॉनैसैंस ऑर्बिटर द्वारा इस साल चार जनवरी को ली गई तस्वीरों को ट्वीट करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि इस तस्वीर में जो सफेद निशान दिख रहा है वो विक्रम का हो सकता है और जो काला निशान नजर आ रहा है वह रोवर प्रज्ञान हो सकता है.
Lander from the same image but from different map projections (Jan4th,2020 image) pic.twitter.com/KUolohdrGX
— Shan (Shanmuga Subramanian) (@Ramanean) August 2, 2020
इसरो की मानें तो चंद्रयान-2 के पेलोड्स से व्यापक आंकड़े हासिल हुए हैं. चंद्रमा पर पानी और बर्फ की उपलब्धता के संबंध में अध्ययन किया जा रहा है. इसके अलावा वहां उपलब्ध गैसों और खनिज पदार्थों के बारे में भेजी गई जानकारियों का विश्लेषण भी किया जा रहा है.