22 साल बाद लंदन से वापस आएगी भारत से चोरी हुई शिव प्रतिमा
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में घाटेश्वर मंदिर से नटेश शिव की 9वीं शताब्दी की एक दुर्लभ मूर्ति 1998 के फरवरी महीने में चोरी हो गई थी. उस मूर्ति को लंदन में बरामद किया गया था. 22 साल के बाद अब उसे वापस भारत लाया जा रहा है.
HCI with support of HM Government repatriates to Archeological Survey of India, the 10th Century idol of Lord Shiva – 'Natesh', stolen in 1998 from Ghateshwar Temple, Baroli, Rajasthan. #IndiaUK @TheNehruCentre @DCMS @ASIGoI @authoramish @MEAIndia pic.twitter.com/vr6N770k47
— India in the UK (@HCI_London) July 29, 2020
भारतीय अधिकारियों को जब 2003 में इस बात की जानकारी मिली थी कि मूर्ति की तस्करी कर उसे ब्रिटेन ले जाया गया है, तभी उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों को सतर्क कर दिया था. इसके बाद लंदन के एक प्राइवेट कलेक्टर ने इसे बरामद कर अपने कब्जे में ले लिया था और स्वेच्छा से 2005 में इसे भारतीय उच्चायोग को लौटा दिया.
तब से भगवान शिव के इस दुर्लभ प्रतिमा को इंडिया हाउस में प्रदर्शनी में लगाया गया था. अगस्त 2017 में एएसआई विशेषज्ञों की एक टीम ने मूर्ति की जांच की और पुष्टि की कि यह वही मूर्ति है, जिसे बरोली गांव के घाटेश्वर मंदिर से चुराया गया था.
हाल ही में बरामद की गई वस्तुओं में नवनीत कृष्ण की 17वीं शताब्दी की कांस्य मूर्ति और दूसरी शताब्दी का चूना पत्थर से बना स्तंभ को 15 अगस्त 2019 को अमेरिकी दूतावास द्वारा लौटाया गया था. इसके अलावा 15 अगस्त, 2018 को स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा बुद्ध की 12 वीं शताब्दी की कांस्य प्रतिमा सौंपी गई थी. ब्रम्हा-ब्राह्मणी मूर्तिकला, जो कि से गुजरात से चुराई गई थी, 2017 में एएसआई में वापस आ गई