एसबीआई ने एनईएफटी, आरटीजीएस के बाद अब आईएमपीएस शुल्क भी हटाया
भारतीय स्टेट बैंक ने एनईएफटी, आरटीजीएस के बाद अब आईएमपीस शुल्क खत्म करने का भी ऐलान किया है। एक अगस्त से इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और योनो ग्राहकों के लिए आईएमपीएस चार्ज भी खत्म कर दिया जाएगा।
एसबीआई द्वारा आईएमपीएस शुल्क ख़त्म करने से करीब 6 करोड़ इंटरनेट बैकिंग और 1.41 करोड़ मोबाइल बैंकिंग इस्तेमाल कर रहे ग्राहकों को फायदा मिलेगा। बैंक के डिजिटल प्लेटफॉर्म योनो को 1 करोड़ ग्राहक इस्तेमाल करते हैं। उनको भी एक अगस्त से आईएमपीएस के लिए कोई शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा।
इससे पहले आरबीआई ने जून में मौद्रिक नीति की समीक्षा में कहा था कि डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए वह बैंकों से आरटीजीएस और एनईएफटी से फंड ट्रांसफर पर कोई शुल्क नहीं लेगा। लेकिन बदले में बैंकों को अपने ग्राहकों को भी इसका फायदा देना होगा। इसके बाद एसबीआई ने एक जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी से पैसा भेजने पर लगने वाले शुल्क को खत्म कर दिया था। कई दूसरे बैंकों ने आरटीजीएस और एनईएफटी पर लगने वाले शुल्क को खत्म किया था। अब एसबीआई ने आईएमपीएस शुल्क भी खत्म करने की घोषणा की है।
क्या है आईएमपीएस सेवा
इमीडिएट पेमेंट सर्विसेज का संक्षिप्त नाम आईएमपीएस है। इसके जरिए सप्ताह के सातों दिनों और 24 घंटे पैसा भेजने की सुविधाम बैंक देते हैं। अगर आप किसी व्यक्ति को आईएमपीएस के जरिए रात को एक बजे पैसा भेजते हैं तो वह उसी समय खाते में जमा हो जाएगा। इस सेवा का इस्तेमाल छुट्टी के दिन भी किया जा सकता है।
बैंक शाखा से लेनदेन पर घटाए शुल्क
बैंक ने शाखा पर जाकर एनईएफटी और आरटीजीएस का उपयोग करने वाले ग्राहकों से लिए जाने वाले शुल्क में 20 प्रतिशत कटौती की है। अभी तक बैंक एनईएफटी पर एक से पांच रुपये और आरटीजीएस पर पांच से 50 रुपये तक का शुल्क लेता रहा है।