इंसानों की यूरिन से बना कंक्रीट इस्तेमाल किया जाएगा चाँद पर
वैज्ञानिक चांद के बारे में रोज नई-नई जानकारियां जुटा रहे हैं. साथ ही ऐसी संभावना भी तलाशी जा रही है, जिससे मानव जीवन चांद पर संभव हो सके. अब यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने दावा किया है कि इंसानों की यूरिन (पेशाब) से कंक्रीट बनाया जा सकेगा. वैज्ञानिक भविष्य में इसके इस्तेमाल की उम्मीद कर रहे हैं. हो सकता है कि इस कंक्रीट का इस्तेमाल बाद में चांद पर भी किया जाए.
दरअसल शोधकर्ताओं ने हाल में एक अध्ययन में पाया है कि पेशाब में पाए जाने वाले प्रमुख पार्ट यूरिया से चंद्र कंक्रीट का मिश्रण बनाया जा सकता है. इसके बाद इसे अंतिम रूप से मजबूत कंक्रीट में तब्दील किया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ, तो चांद पर घर बनाने के सपने को पंख लग सकते हैं.
कंक्रीट बनाने के लिए जरूरी मिट्टी चांद पर उपलब्ध है. यूरिया हाइड्रोजन बॉन्ड्स को तोड़ सकती है. वहीं, फ्लूइड मिश्रण के चिपचिपेपन को कम किया जा सकता है. इससे कंक्रीट बनाने में पानी की जरूरत कम हो जाती है. पेशाब के रूप में 1.5 लीटर वेस्ट से यह काम आसान हो जाएगा. इसके लिए चांद पर उपलब्ध कंक्रीट का इस्तेमाल करने से धरती से आपूर्ति भेजने की आवश्यकता कम होगी. धरती पर यूरिया को औद्योगिक उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. उम्मीद है कि अंतरिक्ष यात्रियों के पेशाब को भविष्य में चांद पर बहुत थोडे बदलाव के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है.
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