इस अक्षय तृतीया इन उपायों को करने से मिलेगा राजयोग

Spread the love

रविवार 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया है. इस बार अक्षय तृतीया पर ग्रह-नक्षत्र विशेष शुभ स्थिति में रहेंगे. जिससे 6 राजयोग बनेंगे. इनके शुभ प्रभाव से इस पर्व पर किए गए स्नान-दान और पूजा-पाठ का अक्षय फल मिलेगा. वहीं इस दिन मंगल, बृहस्पति एवं शनि से महादीर्घायु और दान योग भी बनेंगे. इन शुभ योगों में किए गए दान से रोगनाश और लंबी उम्र मिलती है. इस दिन किए गए शुभ काम में सफलता मिल जाती है.

इस साल अक्षय तृतीया पर महामारी के कारण घर में ही पूजा-पाठ करनी चाहिए. इसके साथ ही विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों को अगले शुभ मुहूर्त तक टाल देना चाहिए. इस पर्व पर श्रद्धा अनुसार दान का संकल्प लेकर दान दी जाने वाली सामग्रियों को निकालकर अलग रख लें और स्थिति सामान्य हो जाने पर उन चीजों को दान कर देना चाहिए.

बृहस्पति संहिता का श्लोक
दिग्दाहे वा महादारुपतने चाम्बुवर्षणे ।
उल्कापाते महावाते महाशनिनिपातने ।।
अनभ्राशनिपाते च भूकम्पे परिवेषयोः ।
ग्रामोत्पाते शिवाशब्दे दुर्निमित्ते नशोभने ।

अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त

इस साल वैशाख माह के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि शनिवार 25 अप्रैल को दोपहर करीब 12:05 पर शुरू होगी और अगले दिन रविवार को दोपहर 1:25 तक रहेगी. लेकिन सूर्योदय व्यापिनी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग 26 अप्रैल को होने से धर्म ग्रंथों के अनुसार इसी दिन अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाना चाहिए.

अवश्य करें यह काम

अक्षय तृतीया पर्व पर तीर्थों और पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को दान दिया जाता है.

READ  इस तरह कीजिये मां सरस्वती की पूजा, मिलेगा विद्या और बुद्धि का वरदान

इस तिथि पर भगवान विष्णु और उनके अवतारों की विशेष पूजा की जाती है. पितरों के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं.

भगवान को चने की दाल, मिश्री, खीरा और सत्तू का भोग लगाने की परंपरा है. ब्राह्मणों को जौ दान करना चाहिए. इस दिन पानी से भरे मटके, गेहूं, सत्तू और जौ का दान करने का विशेष महत्व है.

इस दिन किए गए दान-पुण्य से मिलने वाला फल अक्षय होता है यानी ये पुण्य हमेशा साथ रहता है.

इस तिथि पर सोना-चांदी खरीदना शुभ माना गया है. देवताओं की प्रिय और पवित्र धातु होने से इस दिन सोने की खरीदारी का महत्व ज्यादा है.

सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत भी इसी तिथि से हुई है, ऐसी मान्यता प्रचलित है. भगवान परशुराम का अवतार भी इसी दिन हुआ है. बद्रीनाथ के पट भी अक्षय तृतीया पर ही खुलते हैं.

अक्षय तृतीया पर सूर्य और चंद्र अपनी-अपनी उच्च राशि में रहते हैं, इस वजह से इस तिथि पर बिना मुहूर्त देखे विवाह किए जा सकते हैं.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange