रेलवे ने बेकार पड़ी ट्रेन बोगियों को बनाया आइसोलेशन वार्ड, जानिए कैसी होंगी सुविधाएं
भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सराहनीय पहल की है. रेलवे ने ट्रेनों की बोगियों को क्वारंटाइन और आइसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार किया है. ताकि कोरोना के मरीजों का जल्द से जल्द उपचार किया जा सके.
ऐसे बनाया बोगी को आइसोलेशन वार्ड
रेलवे ने रेल के डिब्बे में 6 बर्थ वाले हिस्से में से एक तरफ की मिडिल बर्थ और सामने वाली तीनों बर्थ निकाल दी हैं. इस हिस्से में एक मरीज को रखा जाएगा. इससे हर मरीज के बीच पर्याप्त दूरी रहेगी. सीढिय़ां भी हटाई जा रही है. टॉयलेट वाले हिस्से में भी बदलाव किया गया है. अभी दिल्ली के रेलवे डिपो में मेडिकल टीम की देखरेख में ऐसा एक कोच तैयार किया गया है.
To make the patient cabin, middle berth has been removed from 1 side, all 3 berths removed in front of patient berth, all ladders for climbing up the berths have been removed. The bathrooms, aisle areas and other areas have also been modified to prepare Isolation Coach. #Covid19 https://t.co/6dyI0CwfJs pic.twitter.com/aeXIMIzldc
— ANI (@ANI) March 28, 2020
क्यों पड़ी इसकी जरूरत
ट्रेनों को सेनेटाइज करने के बाद उसके एक-एक कोच को एक वार्ड के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए इस तरह की तैयारियों में रेलवे की मदद ली जा रही है. रायबरेली और चेन्नई में कोच बनाने वाले रेल कारखानों को निर्देशित किया गया है कि इस तरह के कोच बनाएं, जिन्हें आइसोलेशन वार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके. बाद में मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्हें ट्रेनों के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है.
नहीं होगी किसी सामान की कमी
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच देश में खाद्यान्न आपूर्ति को बनाए रखने के लिए भारतीय रेल भरसक प्रयास कर रही है. लॉक डाउन के दौरान पिछले चार दिनों में 1.6 लाख से भी अधिक वैगनों की आपूर्ति की गई. इनमें देश भर में खाद्यान्न, नमक, चीनी, दूध, खाद्य तेल, प्याज, फल- सब्जियों, पेट्रोलियम उत्पादों, कोयला एवं उर्वरक जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की गई है. लॉकडाउन के दौरान विभिन्न गुड्स-शेडों, स्टेशनों और नियंत्रण कार्यालयों में तैनात भारतीय रेलवे के कर्मचारी चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं कि देश भर में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित न हो.

