क्यों बढ़ जाएंगी 1 अप्रैल से पेट्रोल डीजल की कीमतें
एक अप्रैल से पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़नी लगभग तय हैं. दरअसल इसी दिन से भारत में भारत स्टेज-6 उत्सजर्न मानक लागू होने जा रहा है. इस नए बदलाव पर तेल कंपनियों को मोटा पैसा निवेश करना पड़ा है. जाहिर है कि वह अब ये पैसा उपभोक्ताओं के जरिए ही वापस लेना चाहेंगी.
एक अप्रैल से भारत स्टेज-VI एमिशन नॉर्म्स लागू होगा
एक अप्रैल से देश में भारत स्टेज-VI (एमिशन नॉर्म्स उत्सर्जन मानदंड) लागू होने जा रहा है. यह मौजूदा एमिशन नॉर्म्स बीएस-4 और बीएस-3 का ही अपग्रेड है. बीएस एमिशन स्टैंडर्ड प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मोटर इंजनों और से निकलने वाले प्रदूषण के स्तर निश्चित करने का मानक है. भारत समय-समय पर यूरोपीय एमिशन नॉर्म्स का ही पालन करता आ रहा है. बता दें कि बीएस मानक जितना कठोर होता जाता है, ऑटोमोबाइल सेक्टर से होने वाले प्रदूषण का स्तर उतना ही नियंत्रित होता जाता है. यानि नए मानको को अपनाने के बाद सभी प्रकार के मोटर इंजन और ईंधन पहले से ज्यादा स्वच्छ एवं पर्यावरण के अनुकूल होंगे.
पेट्रोल और डीजल क्यों होगा महंगा
इस नए बीएस मानक में फिट बैठने के लिए तेल कंपनियों को बीएस- VI के मानकों को पूरा करने के लिए तेल की गुणवत्ता सुधारने के वास्ते अपनी रिफाइनरियों को भी उसी हिसाब से अपग्रेड करने पर मोटा निवेश करना पड़ा है. आईओसी के चेयरमैन के मुताबिक कंपनी को इसके लिए 17,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च करने पड़े. इसी तरह बीपीसीएल भी 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश की बात कह चुका है. यह हर तेल कंपनियों के साथ हुआ है. जाहिर है कि स्वच्छ पर्यावरण के लिए आखिरकार इसका छोटा-छोटा बोझ उपभोक्ताओं को ही उठाना पड़ेगा, जिससे तेल की कीमतों में इजाफा होना तय है.