4600 साल बाद मिला इस चिड़िया का अवशेष, मिलेगी पक्षियों के विकास क्रम की जानकारियां
स्वीडिश म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के विशेषज्ञों को साइबेरिया में 46 हजार साल पुराने पक्षी का अवशेष मिला है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसे बेहद अच्छे ढंग से संरक्षित किया गया था. यह पक्षी हॉर्न्ड लार्क है, जो पूर्वी रूस और मंगोलिया में अभी भी पाया जाता है.
इसे साइबेरिया के बेलाया गोरा गांव में स्थानीय शिकारियों ने खोजा था. रेडियोकार्बन तकनीक के मुताबिक यह 46 हजार साल पहले का है. लेकिन इतने सालों के बाद भी यह पूरी तरह खराब नहीं हुआ था. साइबेरिया बेहद ठंडा इलाका है. यहां साल के अधिकतम दिन तापमान माइनस में रहता है. यही वजह रही कि इतने साल बाद भी इसके शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
Hello world!
I have literally not tweeted in c. 30,000 years!
I have been frozen in permafrost since the last Ice Age, and was just found at 7 meter's depth, 200 meters inside an ice tunnel in Siberia.
Not sure what species I am. Any ideas, Twitter? pic.twitter.com/kXO3CBeyYF
— Love Dalén (@love_dalen) September 10, 2018
जीनोम एनालिसिस से मिलेगी जानकारी
यह पक्षी वर्तमान में पाए जाने वाले लार्क पक्षियों का पूर्वज है. इसकी एक प्रजाति उत्तरी रूस और दूसरी मंगोलिया में पाई जाती है. इस खोज का निष्कर्ष यह निकला कि हिमयुग के आखिर में होने वाले जलवायु परिवर्तन के कारण पक्षियों की नई उप-प्रजातियां बन गईं. शोध के अगले चरण में पक्षी के पूरे जीनोम को शामिल किया गया है. इससे आज के लार्क पक्षियों के बारे में नई जानकारी मिल सकती है.
स्वीडिश म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री के विशेषज्ञों को साइबेरिया में 46 हजार साल पुराने पक्षी का अवशेष मिला है. विशेषज्ञों का कहना है कि इसे बेहद अच्छे ढंग से संरक्षित किया गया था. यह पक्षी हॉर्न्ड लार्क है, जो पूर्वी रूस और मंगोलिया में अभी भी पाया जाता है.इसे साइबेरिया के बेलाया गोरा गांव में स्थानीय शिकारियों ने खोजा था. रेडियोकार्बन तकनीक के मुताबिक यह 46 हजार साल पहले का है. लेकिन इतने सालों के बाद भी यह पूरी तरह खराब नहीं हुआ था. साइबेरिया बेहद ठंडा इलाका है. यहां साल के अधिकतम दिन तापमान माइनस में रहता है. यही वजह रही कि इतने साल बाद भी इसके शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
जीनोम एनालिसिस से मिलेगी जानकारी
यह पक्षी वर्तमान में पाए जाने वाले लार्क पक्षियों का पूर्वज है. इसकी एक प्रजाति उत्तरी रूस और दूसरी मंगोलिया में पाई जाती है. इस खोज का निष्कर्ष यह निकला कि हिमयुग के आखिर में होने वाले जलवायु परिवर्तन के कारण पक्षियों की नई उप-प्रजातियां बन गईं. शोध के अगले चरण में पक्षी के पूरे जीनोम को शामिल किया गया है. इससे आज के लार्क पक्षियों के बारे में नई जानकारी मिल सकती है.
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