आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बना एंटीबायोटिक खत्म करेगा रेसिस्टेंट बैक्टीरिया
अमेरिका के मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से पहली बार नया एंटीबायोटिक तैयार किया है. इससे दुनिया के खतरनाक और दवा को बेअसर कर देने वाले बैक्टीरिया को खत्म किया जा सकेगा. वैज्ञानिकों ने इस नए एंटीबायोटिक को हेलिसिन नाम दिया है. यह काफी ताकतवर है, जो ई-कोली जैसे बैक्टीरिया को भी आसानी से खत्म कर देता है.
हेलिसिन का इस्तेमाल फिलहाल चूहों पर हुआ है. जल्द ही इंसानों पर इसका ट्रायल किया जाएगा. बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक का असर अब घट रहा है, ऐसे में एआई की मदद से ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करने की कोशिश हो रही है, जिससे नए किस्म की दवा खोजी जा सके. शोधकर्ताओं का कहना है कि इंसान द्वारा किए जाने वाले काम के मुकाबले से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से काम कम समय में ज्यादा बेहतर किया जा सकता है. इससे कुछ ही दिनों में 10 करोड़ से अधिक ऐसे रसायनों की जांच की जा सकती है, जो बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं.
जटिल बीमारियों का इलाज संभव होगा
शोधकर्ता अब एल्गोरिदम बनाने जा रहे हैं. इसकी मदद से नए एंटीबायोटिक कम्पाउंड को पहचानना आसान है, जो 30 दिन तक रेसिस्टेंस डेवलप नहीं होने देता. इस यौगिक को डायाबिटीज के इलाज के लिए विकसित किया गया था, लेकिन इसके जरिए कई तरह के संक्रमण का इलाज किया जाना संभव है.
कैसे हुई मालेक्यूल की पहचान
एमआईटी के वैज्ञानिकों ने एआई की मदद से पहले 800 प्राकृतिक उत्पादों का एक सेट बनाया और 2500 अणुओं पर इसे प्रशिक्षित किया. इसके बाद लगभग 6,000 यौगिकों के बीच इसका परीक्षण किया गया. अंत में एक मॉलेक्यूल की पहचान करने में मदद मिली, जो एंटीबायोटिक दवाओं से अलग एक रासायनिक संरचना थी.