उधारी मांगने वालों से निपटने के लिए छात्र ने बना डाला उधार खाता एप
देश में कई दुकानदार जैसे किराना, दूध, धोबी, सब्जी, चाय और पान की दुकान चलाने वाले महीने के आखिर में ग्राहकों से पैसे लेते हैं. इस बीच उधारी लिखना भूल जाएं, तो नुकसान भी हो जाता है. दुकानदारों की इसी समस्या का समाधान करने के लिए गुड़गांव के हैरिटेज एक्सपेरिमेंटल लर्निंग स्कूल में पढ़ने वाले 12वीं के छात्र अर्जुन अग्रवाल ने ‘उधार खाता’ ऐप बनाया है.
कैसे आया आइडिया
अर्जुन जब घर के पास वाली दुकान पर कुछ सामान लेने गया तो उसके पास पैसे नहीं थे. दुकानदार ने सामान उधार देने की बात कही, लेकिन उसने कहा कि कई लोग उससे उधार सामान लेकर जाते हैं और बाद में पैसे भी नहीं चुकाते. इस वजह से उसे नुकसान हो जाता है. उसे भी सामान खरीदने के लिए पैसों की जरूरत होती है. बस, यहां से उधारी से जुड़े ऐप को बनाने का आइडिया आया.
अर्जुन ने ‘उधार खाता’ ऐप को छोटे दुकानदार जैसे चायवाला, पानवाला को सोचकर बनाया है. इसके फीचर्स बेहद आसान है और इसे इस्तेमाल करने में किसी तरह की मुश्किल नहीं आती. खास बात है कि ये इंटरनेट के बिना भी काम करेगा.
खर्च और फायदे
ऐप बनाने में अर्जुन का कोई पैसा खर्च नहीं हुआ. ऐप के सर्वे और डेटा के लिए उन्हें दुकानदारों से मिलना होता था, जिसके लिए वह बस में ट्रैवल करते थे. इस दौरान टिकट में जो पैसा खर्च होता था, सिर्फ उतना ही खर्च आया. अर्जुन कहते हैं मैंने अपने फायदे के लिए नहीं, बल्कि छोटे दुकानदारों के उधारी मैनेजमेंट के लिए इस ऐप को बनाया है. ये ऐप मेरी तरफ से दुकानदारों के लिए एक मुफ्त की मदद और चैरेटी है.
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