दहेज़ लेने से दूल्हे का इनकार, ससुराल वालों ने दे दी लाखों की किताब
दहेज़ लेना और देना दोनों ही गैरकानूनी है, लेकिन फिर भी लोग मानते कहाँ हैं. कभी वर पक्ष की तरफ से दहेज़ को लेकर भरी भरकम डिमांड आती है तो कभी अगर दूल्हा दहेज़ लेने से मना कर भी दे तो दुल्हन पक्ष वाले जबरदस्ती दहेज़ दे देते हैं. पश्चिम बंगाल में कुछ ऐसा ही वाकया सामने आया है. जहाँ एक 30वर्षीय दूल्हे ने अपनी शादी में दहेज़ लेने से साफ़ मना कर दिया. लेकिन ससुराल वालों की भी जिद थी कि वे अपनी बेटी को कुछ ना कुछ तो जरूर देंगे.
दामाद टीचर था सो उन्होंने एक अनोखा तरीका निकाला. उन्होंने एक हजार किताबें खरीदी और उसे अपने दामाद और बेटी को तोहफे में दे दिया. इन किताबों में रविन्द्रनाथ टैगोर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय और शरत चन्द्र की रचनाएं शामिल हैं. इन सारी किताबों को मंडप के पास ही सजाकर रखा गया था. जब दुल्हन से इस बारे में पुछा गया तो उसने बताया कि उसके पिताजी जानते हैं कि उसे और उसके पति को भी पढने का कितना शौक है. सो उनकी शादी का इससे बेहतर तोहफा और कुछ हो ही नहीं सकता. इन किताबों की कीमत लाखों में है.