हवाईजहाज में गन्ने से बनी प्लेट में मिलेगा खाना, विमान कम्पनी की अनोखी पहल
ऑस्ट्रेलिया की कंतास एयरलाइन ने दुनिया की पहली जीरो वेस्ट फ्लाइट शुरू की है। इसमें यात्रियों को प्लास्टिक से कवर किए गए सामान नहीं मिलेंगे। ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिन्हें रिसाइकिल किया जा सके। बुधवार को सिडनी से एडिलेड जाने वाले यात्रियों को गन्ने की खोई (रस निकालने के बाद बचा पदार्थ) से बनी प्लेटों में खाना दिया गया। पानी की खाली बोतलों को एडिलेड के रिसाइकिल प्लांट में भेजा जाएगा। अगले साल के अंत तक कम्पनी के सभी विमानों में प्लास्टिक के करीब 10 करोड़ सामानों का उपयोग कम किया जाएगा।
यात्रियों को दोबारा इस्तेमाल होने वाले सामान दिए जाएंगे
कंपनी का लक्ष्य 2021 तक विमानों का 75% कचरा साफ करने की योजना है। फिलहाल, लगभग एक हजार सिंगल-यूज प्लास्टिक आईटम की जगह नए विकल्प लाए गए हैं। कंपनी नहीं चाहती है कि कचरे का पहाड़ बने। साथ ही वैसे पदार्थों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे रिसाइकिल किया जा सके और फिर से उपयोग में लाया जा सके।
हवाई किराया में इजाफा नहीं होगा
इससे यात्रियों की सेवाओं में कोई अंतर नहीं आएगा। यात्रियों को पहले जैसी ही सेवाएं मिलेंगी। यात्री जीरो वेस्ट की नीति से खुश हैं। जीरो वेस्ट फ्लाइट शुरू करने के बाद हवाई किराया नहीं बढ़ाया गया है। यह उड़ान प्रोडक्ट की टेस्टिंग, कचरों का संशोधन और कस्टमर से फीडबैक लेने के बारे में है।
एक साल में 150 टन से ज्यादा कचरा निकलता है
एडिलेड से सिडनी जाने के दौरान हर बार फ्लाइट से करीब 34 किलोग्राम कचरा निकाला जाता है। एक साल में यह 150 टन से ज्यादा होता है। ऐसे में अब उम्मीद है कि दूसरी एयरलाइंस भी इस तरीके को अपनाएंगे।
कंतास और जेटस्टार की 4.5 करोड़ प्लास्टिक कप, 3 करोड़ कटलेरी सेट्स, 21 करोड़ कॉफी कप और 40 लाख तकिया की जगह लंबे समय तक इस्तेमाल हो सकने वाले विकल्प लाने की योजना है। ऑस्ट्रेलिया में कुल कार्बन उत्सर्जन में तीन फीसदी हिस्सा एयरलाइंस का है। इससे इसमें काफी हद तक कमी आयेगी ।