एक द्वीप जिसे बनाया प्रकृति ने, बसाया परियों ने और जिसकी हिफाजत करती हैं आत्माएं

Spread the love

चीन में एक द्वीप ऐसा है, जहां पर क़ुदरत ने ऐसा करिश्मा दिखाया है कि दूर से देखने पर क़तार से खड़ी इमारतें दिखती हैं. चीन के झेजियांग सूबे के पूर्वी तट से लगे हुए हज़ारों छोटे-बड़े द्वीप हैं. इनमें से ज़्यादातर तो बहुत छोटे हैं. उनमें कोई रहता नहीं है. लेकिन, पूर्वी चीन सागर के इस में स्थित एक द्वीप हुआओ की बहुत चर्चा होती है. चीन के लोग इसे शिलिन यानी पत्थरों का जंगल कहते हैं.

क़रीब 13 वर्ग किलोमीटर का ये छोटा सा द्वीप, क़ुदरत के करिश्मे की शानदार मिसाल है. समंदर के थपेड़ों से कटे-छंटे किनारों वाले इस द्वीप में प्रकृति की संगतराशी का नमूना दिखता है.

पानी के भीतर से निकलती इमारतें!

इस द्वीप को दूर से देखेंगे, तो लगेगा कि भूरे और काले रंग की इमारतें क़तार से पानी के भीतर से निकल रही हैं. ये मंज़र देखकर लगता है कि आप दूसरी दुनिया में आ गए हैं. ऐसा लगता है कि ज्वालामुखी ने यहां पर पाइप आर्गेन नाम का वाद्य यंत्र ही रच दिया है. कई लोग इसे जायंट्स कॉज़वे कहते हैं. ये उत्तरी आयरलैंड में स्थित है. जहां पर इसी तरह समुद्र के भीतर से छोटी चट्टानें निकली हुई हैं, जिन्हें देखकर लगता है कि इन्हें बारीकी से तराशा गया है.

ये चट्टानें मेसोज़ोइक महायुग में बनी थीं. यानी आज से क़रीब 7 करोड़ साल पहले. ये द्वीप धरती की यूरेशियन और प्रशांत महासागरीय प्लेट के बीच में स्थित है. धरती के भीतर ये प्लेटें अक्सर आपस में टकराती रहती हैं. इसी वजह से इस इलाक़े में ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप आने की घटनाएं ज़्यादा होती हैं. करोड़ों साल पहले ज्वालामुखी विस्फोट से निकला लावा ही इस द्वीप की बुनियाद बना.

READ  Avengers End Game New Trailer-Hindi | आखिरी सांस तक लड़ेंगे | in cinemas April 26

इस लावा ने अलग-अलग तरह के रंग-रूप धर लिए. कोई चट्टान तिकोनी है, तो कोई चौकर, किसी के सात या आठ कोने भी हैं. चट्टानों का ये रूप हैरान कर देता है. जैसे कि चट्टानों को ताश के पत्तों की तरह सजा कर रखा गया हो. सच कहें तो ये चट्टानें क़ुदरत की संगतराशी का नमूना हैं. करोड़ों साल से हवा के थपेड़े, बरखा की बूंदें और समंदर का पानी इन्हें तराश कर नए-नए रूप में ढाल रहे हैं.

पत्थर और समंदर के इसी मेल की वजह से इसकी तुलना उत्तरी आयरलैंड के जायंट कॉज़वे से होती है. जिसे यूनेस्को की विश्व धरोहर का दर्ज़ा हासिल है. हालांकि हुआओ द्वीप की चट्टानें जायंट कॉज़वे से ज़्यादा मज़बूत, विशाल और पुरानी हैं.

परियों का देश

उत्तरी आयरलैंड के जायंट कॉज़वे के बारे में मान्यता है कि उसे एक विशाल दैत्य ने रचा और वो वहां आज भी रहता है. वहीं, हुआओ द्वीप की चट्टानों को परियों की कला का नमूना माना जाता है. चीन के बहुत से लोग मानते हैं कि इस द्वीप की सौ से ज़्यादा गुफ़ाओं में परियां रहती हैं. इसे परियों के देश के नाम से भी लोग जानते हैं. चीन की सरकार ने इस द्वीप के क़रीबी बंदरगाह निंगबो तक सड़क बना दी है. इसके बाद आप जिनयू के बंदरगाह से नाव में बैठकर यहां पहुंच सकते हैं.

हुआओ द्वीप की आबादी एक हज़ार के क़रीब है. ज़्यादातर लोग मछलियां या दूसरे समुद्री जीव पकड़ कर अपना गुज़ारा करते हैं. दस साल पहले चीन की सरकार ने इस द्वीप को जियोलॉजिकल पार्क के तौर पर प्रचारित करना शुरू किया. अब हुआओ द्वीप पर तीन होटल बन गए हैं. स्थानीय लोग भी अपने घरों के ख़ाली कमरे बाहर से आने वालों को किराए पर देते हैं.

READ  Gold ATM : अब एटीएम से निकाल सकेंगे सोना

यहां की ख़ूबसूरती की तस्वीरें लेने दूर-दूर से फोटोग्राफर आते हैं. इसके अलावा चुनौती भरी चढ़ाई के शौक़ीन भी हुआओ द्वीप आते हैं. यहां की सबसे ऊंची पहाड़ी को ग्रेट बुद्धा माउंटेन नाम दिया गया है. दूर से देखने पर ये भगवान बुद्ध के बुत जैसा लगता है. सैलानियों की बढ़ती तादाद देखकर चीन की सरकार ने पिछले साल इस द्वीप पर एक सड़क भी बनाई है. लेकिन, द्वीप का ज़्यादातर हिस्सा इंसान के दखल से अछूता ही है. इस द्वीप के बारे में कहा जाता है कि ये ज्वालामुखी के लावा से बना है. इसे हवा और पानी ने तराशा. और, इसकी हिफ़ाज़त आत्माएं करती हैं. करोड़ों साल से प्रकृति अपनी इस रचना में सुधार कर रही है. इसकी ख़ूबसूरती निखार रही है.

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange