सावन की हरियाली को नमन करता त्यौहार हरितालिका तीज
श्रावण मास की पूर्णिमा के बाद रक्षाबंधन के साथ ही शुरू हो जाते है तीज -त्यौहार. इस बार बड़ी तीज या कजली तीज बुधवार 29 अगस्त को है. सावन की बारिश में चारों ओर छाई हरियाली से खुशनुमा हुए मौसम के बाद भाद्रपद मास की तृतीया को बड़ी तीज (कजली तीज) पर्व हर्षोल्लास से मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं दिनभर व्रत-उपासना के बाद चन्द्रोदय के समय मां कजली का पूजन करती हैं और चन्द्रमा को अर्घ्य देकर अखण्ड सुहाग की कामना करती हैं. दशकों से इस पर्व का शहर में ,होली के अवसर पर मंचित होने वाली स्वांग मेहरी रम्मत के चौमासा गीत में विशेष उल्लेख होता है. रम्मत उस्ताद के नेतृत्व में कलाकार मां कजली के इस पूजन पर्व का तल्लीनता से नाच-गान कर वर्णन करते है.
आषाढ़ और सावन में जब काली घटाएं छा जाती है और मेघ बरसते हैं तो ताल-तलैया भर जाते हैं. मोर-पपीहे की आवाज गूंजने लगती हैं. ऐसे में प्रकृति की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं. ऐसे ही मौसम में बालिकाएं और महिलाएं बड़ी तीज का पर्व मनाती हैं. महिलाएं व युवतियां इस दिन सज-धज कर, हाथों में मेहदी लगा कर झूला झूलने जाती हैं. रात को पूजा-अर्जना करती हैं और व्रत का पारणा करती हैं. इस तीज को सातूड़ी तीज भी कहते है.
रक्षाबंधन के बाद भादवे की तृतीया से पहले ही महिलाए व्रत के पारणा के लिए सातू बनाना शुरू कर देतीं हैं. विवाह के पहली तीज को नवविवाहिता के पीहर से सातू आते हैं. जिसमें अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार इक्कीस किलो या इक्यावन किलो सातू मिठाईयां व कपड़े- लत्ते आते हैं. उनसे उद्यापन भी हो सकता है. अगली बार से बेटी के लिए ”भारा” व जवांई के लिए ”सिग” आती है, जो होते तो सातू ही हैं किन्तु अब इनका नाम धर दिया गया है. ये सातू पहले के जमाने में गेंहूं,चना व चावल को अलग-अलग सेककर पीसा जाता था जिसे चूण कहते हैं. इन चूणों को अलग-अलग पिसी चीनी व गर्म शुद्ध घी से थेप-थेप कर बाँधते हैं. किन्तु आज समय बदल रहा है भौतिकवाद बढ रहा है तो लोग बढ-चढ कर दिखावा करने लगे हैं. अब चूण के सातू कम पसंद किये जाते हैं. इसलिए बादाम को पीस कर सातू बनाए जाते हैं. इसके अलावा राजस्थान में कलाकंद, पंधारी के भी सातू बनते हैं. अतःइस तीज को राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि जगहों पर सातूड़ी तीज या बडी तीज भी कहते हैं. देश के अन्य हिस्सों में इसे श्रावणी तीज के नाम से मनाते हैं. सभी को तीज की शुभकामनाएं!
[amazon_link asins=’B07GKSZYB3,B07GBY2VJP’ template=’ProductGrid’ store=’wordtoword-21′ marketplace=’IN’ link_id=’9f041085-aabb-11e8-81ef-29375bc13967′][amazon_link asins=’B07FCPMK1K,B07546LTGR’ template=’ProductGrid’ store=’wordtoword-21′ marketplace=’IN’ link_id=’b0819a16-aabb-11e8-8738-ab51fc7d3d04′]