छुट्टियों को बनायें यादगार

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दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं ख़त्म हो चुकी हैं. ऐसे में इन क्लासेज में पढने वाले बच्चे अब पूरी तरह से फ्री हो चुके होंगे और कड़ी मेहनत के बाद अब आराम के मूड में होंगे. हालांकि कई जगहों पर पेपर लीक होने की वजह से ये परीक्षाएं दुबारा भी होंगी. परीक्षाओं के बाद उनके परिणाम आने में अभी काफी समय बाकी है. ऐसे में आज की इंटरनेट जेनेरेशन अपना ज्यादा समय इंटरनेट पर बिताने के बजाय आस पास की दुनिया को भी देखने समझने में बिता सकती हैं. देखा जाए तो इस वक़्त बहुत सी ऐसी चीजें हैं जिनसे आज के ये बच्चे बिलकुल मुंह मोड़े बैठे हैं. कुछ छोटी छोटी चीजों से आप अपने इस खाली वक्त को यादगार लम्हों में तब्दील कर सकते हैं जो सालों साल आपकी यादों को खुशियों से भरते रहेंगे.

1. शहर की चारदीवारी में सिमटती जिन्दगी में शायद ही कभी खुले मैदानों में खेलने का ख्याल किसी को आता हो. लेकिन यकीन मानिये जो मजा खुले मैदान की धूल मिट्टी में खेलने का है वह घरों की छतों पर आपको हरगिज नहीं मिल सकता.


2. एक वक्त था जब बच्चों को बार बार मना करने के बावजूद वे पेड़ों पर चढ़ जाया करते थे और वहां बने चिड़िया के घोंसले में झांकना जैसे उनके लिए सबसे मजेदार काम हुआ करता था. घर के बड़े बुजुर्ग लाख फल बाजार से ले आएं लेकिन फिर भी बच्चे जब तक खुद पेड़ पर चढ़कर आम अमरुद न तोड़ लें फल खाने का स्वाद ही नहीं आता था. लेकिन आज के समय में ही पेड़ ही मुश्किल से दिखते हैं उनपर चढ़ने की कौन कहे. इन छुट्टियों में आप कई फलदार पेड़ भी लगा सकते हैं और अगर कहीं आस पास कोई पेड़ है तो एकबार चढ़कर तो देखिये यकीनन उतरने का मन नहीं होगा.
3. परीक्षाएं ख़तम हुई नहीं कि किताबें काटने को दौड़ने लगती हैं. फिर तो किताबें देखने का भी मन नहीं होता. लेकिन कोर्स की किताबों के अलावा भी कई ऐसी किताबें हैं जिन्हें आप अपनी रुचि के हिसाब से पढ़ सकते हैं. वैसे अब इंटरनेट पर ई-बुक्स भी उपलब्ध हैं लेकिन उनमें वो बात नहीं होती जो किताबों में हैं. घंटों मोबाइल की स्क्रीन को देखते रहने से आँखों पर भी काफी बुरा असर होता है. तो स्मार्टफोन से थोड़ी दूरी बनाइये और किताबों को करीब लाइए. यकीन मानिए आपकी भी पक्की वाली दोस्ती इनसे हो जायेगी.

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4. इन छुट्टियों में बच्चे क्लासेज भी ज्वाइन कर सकते हैं. म्यूजिक, पेंटिंग, स्विमिंग, कुकिंग, कम्प्यूटर, योग जिनमें भी आपकी रुचि हो उन क्लासेज का रुख कर लीजिये.

5. ये सब चीजें अगर आप पिछली छुट्टियों में कर चुके हैं और इस बार कुछ नया करने के मूड में हैं तो उसके भी विकल्प हैं. आप दोस्तों के साथ मिलकर गरीब बच्चों को हर सन्डे फ्री क्लासेज दे सकते हैं. पार्क में घूमने तो सब जाते हैं लेकिन उनकी सफाई का कोई नहीं सोचता उल्टा कूड़ा कचरा वही छोड़ जाते हैं. ऐसे में किसी दिन अपने पसंदीदा पार्क को साफ़ करके भी देखिये. शहरों में प्रकृति के साथ जुड़ने के लिए बस यही तो जगह बचती है. ऐसे में किसी को तो इसे साफ़ सुथरा रखने का जिम्मा लेना होगा. आपके इस कदम से बाकी लोग भी इसके लिए जागरूक होंगे.


6. अगर नयी नयी खोज करने के शौक़ीन हैं तो अपने दोस्तों की एक टीम बनाकर अपने आस पास के जीव जंतुओं पर रिसर्च कर सकते हैं. बहुत से ऐसे पक्षी और कीट पतंगे होंगे जिन्हें तुमने कभी नहीं देखा होगा और न ही उनके बारे में जानते होगे. आप अपने मोबाइल में उनकी वीडियो और फोटोज कलेक्ट कर सकते हैं और इंटरनेट पर उनके बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसमें अपने घर के बड़े लोगों और टीचर्स की भी मदद ले सकते हैं. इस काम में भी आपको काफी मजा आने वाला है.
तो इन छुट्टियों में कुछ अलग और नया करने की कोशिश कीजिये जो आपके लिए कुछ यादगार लम्हें छोड़ जाएँ और जब भी आप इन लम्हों को याद करें बरबस एक मुस्कान आपके होठों पर तैर जाए.

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