एक सरप्राइज जो शॉक दे गया: जानिये क्या हुआ था 24 फरवरी की शाम
हर कोई जानना चाहता है कि आखिर श्रीदेवी की मौत कैसे हुई. इस दुखद हादसे ने जैसे एक रहस्यमयी माहौल बना कर रख दिया था. लेकिन अब बोनी कपूर ने अपनी एक बेहद करीबी दोस्त कोमल नाथ के सामने उस शामकी सारी कहानी बयान की है. उन्होंने वो सारी बातें बतायी हैं जो उस शाम उस कमरे में घटित हुई थी.
बोनी कपूर नेउस दिन अचानक दुबई पहुँच कर श्रीदेवी को सरप्राइज देने का मन बनाया था. 24 फरवरी की सुबह श्रीदेवी की फोन पर बोनी कपूर से बात हुई जिसमें उन्होंने कहा कि वो उन्हें बहुत मिस कर रही हैं. बोनी ने भी उनसे कहा कि उन्हें भी उनकी बहुत याद आ रही है. लेकिन उन्हें अपने सरप्राइज के बारे में कुछ नहीं बताया.
शाम 6:20 पर जब बोनी होटल पहुंचे तो श्रीदेवी उन्हें देखकर हैरान रह गयी. दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया और किस किया. इसके बाद करीब 15 मिनट तक उन्होंने एक दूसरे से बात की. बोनी का प्लान सरप्राइज डिनर का था. जिसके लिए उन्होंने उनसे तैयार होने को कहा और वो बाथरूम में चली गयी. जाते समय वो बिलकुल रिलैक्स लग रही थी.
बोनी वहीँ लीविंग रूम में बैठकर इण्डिया साउथ अफ्रीका का मैच देखने लगे. 20 मिनट के बाद भी जब अन्दर से कोई आवाज नहीं आई तो बोनी को चिंता होने लगी. जब 8 बज गए तो बोनी ने जाकर चेक करने की सोची क्योंकि उन्हें लग रहा था अब और ज्यादा देर की तो रेस्टोरेंट पूरी तरह से फुल हो जाएगा और जिस सरप्राइज डिनर के लिए वो इतनी दूर से आये हैं वही नहीं हो पायेगा.
उन्होंने बाथरूम के बाहर से 2-3 बार श्रीदेवी को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. बोनी को अन्दर से लगातार नल से पानी गिरने की आवाज आ रही थी. उन्होंने फिर से ‘जान’ कहकर पुकारा, फिर भी कोई उत्तर न पाकर वो घबरा गए. बोनी के अनुसार बाथरूम अन्दर से लॉक्ड नहीं था, और वो आसानी से अन्दर चले गए. अन्दर का नजारा देखकर बोनी बुरी तरह घबरा गए.
श्रीदेवी बाथटब के अन्दर सर से पाँव तक पूरी तरह पानी में डूबी हुई थी. उन्होंने तुरंत उसे पानी से बाहर निकाला लेकिन काफी कोशिश के बाद भी उनके शरीर में कोई हरकत होती न देखकर उन्हें अनहोनी की आशंका होने लगी. बोनी के अनुसार यह कह पाना मुश्किल है कि वह पहले पानी में डूबी और फिर बेहोश हुई या फिर बेहोश होने या नींद आने की वजह से पानी में डूब गयी. लेकिन इतना तो तय है कि उसे पैनिक होने या स्ट्रगल करने का कोई मौका नहीं मिला क्योंकि बाथटब के बाहर या भीतर ऐसे कोई निशान नहीं थे ना ही पानी की एक भी बूँद तब से बाहर आई थी.