चंद्र ग्रहण 2018: देखने के लिए नहीं होगी चश्मे की जरूरत
आज साल का पहला चंद्रग्रहण लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण सुपर ब्लू ब्लड मून होगा। इससे पहले 152 साल पहले 31 मार्च 1866 में ऐसा हुआ था। इसके साथ ही ऐसा आने वाले 11 सालों तक दिखाई नहीं देगा। इस चांद को देखने के लिए सभी उत्साहित होंगे। कहा जाता है कि ग्रहण देखने से आंखों की रोशनी पर फर्क पड़ता है। आपको बता दें कि सूर्य ग्रहण के दौरान सोलर रेडिएशन से आंखों के नाजुक टिशू डैमेज हो जाते है, जिस वजह से आखों में देखने में दिक्कत हो सकती है। इसे रेटिनल सनबर्न भी कहते हैं। ये परेशानी कुछ वक्त या फिर हमेशा के लिए भी हो सकती है लेकिन चंद्र ग्रहण के दौरान ऐसा नहीं होता। इस दिन चांद को नंगी आंखों से देखने से कोई नुकसान नहीं होता।
1. सूर्य ग्रहण की तरह आपको इसे चश्मों के साथ देखने की ज़रूरत नहीं. बल्कि आप चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देख सकते हैं. वहीं, सूर्य ग्रहण को खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों से देखने की सलाह दी जाती है जिन्हें सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस कहा जाता है।
2. आप चाहे तो खुले मैदान या फिर पास के किसी पार्क या घर की छत पर ही जाकर चांद का दीदार कर सकते हैं।
3. सिर्फ चश्मे ही नहीं इस ग्रहण को देखने के लिए आपको किसी भी तरह से खास आंखों को प्रोटेक्ट करने वाले साधन की ज़रूरत नहीं।