ज़िंदगी का सफ़र

Spread the love

शैलेन्द्र “उज्जैनी” vshailendrakumar@ymail.com

ज़िंदगी के सफ़र के सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
कौन कब बिछड़ जाए किसे है ख़बर यहाँ!
कभी फूलों का सफ़र तो कभी काँटों भरी राहें होंगी ,
हर परिस्थिति में सफ़र पूरा तुझे करना है यहाँ!

ज़िंदगी के सफ़र के सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
कौन कब बिछड़ जाए किसे है ख़बर यहाँ!

ये सफ़र आज का नहीं सदियों से चलता आया है,
तू जब पैदा हुआ इसके सदियों पहले भी,
तेरे जाने के सदियों बाद भी,
ना जाने कब तक का डेरा है यहाँ!

ज़िंदगी के सफ़र के सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
कौन कब बिछड़ जाए किसे है ख़बर यहाँ!

जो करेगा तू अच्छे काम तो दुनिया स्वीकारेगी,
बुरे कर्म होंगे जो तेरे तो दुनिया दुत्कारेगी!
एक बार जो दुत्कारा गया, फिर नहीं है ये सफ़र आसान
तन्हाई भरे रास्तों पर भटकेगा फिर यहाँ वहाँ।

ज़िंदगी के सफ़र के सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
कौन कब बिछड़ जाए किसे है ख़बर यहाँ!

ज़िंदगी के सफ़र की राहें एकदम गोल हैं,
जिस जगह से तू है आया,
वापस… वहीं तेरा गोल (goal)है।
परमात्मा से जा मिलना है, इसके सिवा जाना है कहाँ!

ज़िंदगी के सफ़र के सब मुसाफ़िर हैं यहाँ,
कौन कब बिछड़ जाए किसे है ख़बर यहाँ!

                        *******

ब्रह्म मुहूर्त में जागते थे श्रीराम, जानें फायदे ( Brahma muhurta ke Fayde) , देखें यह वीडियो


हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें।

Spread the love
READ  न्याय की देवी...अब तो खोलो आँखों की ये पट्टी!
© Word To Word 2021 | Powered by Janta Web Solutions ®
%d bloggers like this:
Secured By miniOrange