इस मकर संक्रांति परोसें पूरे देश के स्वाद से भरी थाली
मकर संक्रांति अकेला ऐसा त्यौहार है जो देश भर में अलग अलग नामों से अलग अलग रूप में मनाया जाता है. साल के इस पहले त्यौहार में पूरा देश सामान रूप से खुशियाँ मनाता है. और फिर हम भारतीयों को तो बस सेलिब्रेट करने का मौका चाहिये. यहां तो पहली फसल की कटाई का भी जश्न बड़ी धूम से मनाया जाता है. हिन्दू परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति के साथ नए साल की शुरुआत होती है. इसे उत्तर भारत में लोहड़ी और दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में भी मनाते हैं. अलग-अलग रूप-रंग में इस त्योहार के मनाये जाने का एक फायदा ये भी है कि खाने-पीने को शौकीनों को एक से बढ़कर एक पकवान चखने का मौका मिल जाता है.
वैसे तो साल के इस पहले त्योहार मकर संक्रांति में पूरा लाइम लाइट तिल पर फोकस होता है. लेकिन इसके अलावा भी इस मौके पर देश के अलग अलग हिस्सों में कुछ स्पेशल पकवानों का लुत्फ़ उठाते लोग नजर आते हैं. आइए एक नजर इनपर भी डालते हैं-
तिल के लड्डू/तिलकुट
मकर संक्रांति के दिन तिल के लड्डू उत्तर भारत में खूब खाए जाते हैं. यहाँ की एक कहावत है, ‘तिल चटके, जाड़ा सटके.’ इसे खाने से शरीर में गर्मी और ऊर्जा आती है. इसमें कैलशियम भी पर्याप्त मात्रा में होती है. इसलिए जनवरी की ठंड में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. तिल को गुड़ और मावा के साथ मिलाकर लड्डू बनाया जाता है. पूर्वी भारत के राज्यों और राजस्थान में इसे तिलकुट के रूप में भी खाया जाता है.
तिल चॉकलेट चिक्की
चॉकलेट चिक्की बच्चों को खूब भाती है. मकर संक्रांति के नजदीक आते ही गुजरती घरो में चिक्की बननी शुरू हो जाती है. ये चिक्की गुड या चीनी से बनती है जिसमे तिल, सिंगदाना और मेवा मिलाया जाता है. कुरकुरी तिल की चिक्की गजक की तरह ही कुरकुरी और बहुत ही स्वादिष्ट होती है. बादाम और गुड़ से बनी चिक्की को भी लोग दिल से खाते हैं. अब अगर आप अपनी फेवरेट चिक्की में कोई ट्विस्ट जोड़ना हो तो चॉकलेट से बढ़िया कोई इंग्रीडियेंट हो ही नहीं सकता.
पातिशप्ता
यह एक बंगाली व्यंजन है जिसे मैदा और दूध से बने मालपुआ जैसे चीले के अंदर खोया, नारियल और ड्राइफ्रूट भरकर बनाया जाता है.
मुरमुरे चिक्की/लड्डू
पूर्वी भारत में इस मिठाई को लाई कहते हैं. अगर आप डाइट पर हैं और घी-चीनी के बिना कोई भारतीय त्योहार मनाने की ख्वाहिश पाल कर बैठे हैं, तो निराश होने की जरूरत नहीं. इस मकर संक्रांति आप मुरमुके चिक्की से अपनी मुंह मीठा कर सकते हैं.
दही-चूड़ा
पूर्वी भारत में चावल की पैदावार अधिक है. यही वजह है कि यहां के तमाम पकवानों में चावल का इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है. बिहार, यूपी में बिना चूड़ा और दही के मकर संक्रांति का पर्व अधूरा है. इसके साथ लोग गुड़ या चीनी लेते हैं. जायके में नमकीन स्वाद जोड़ने के लिए आलू-मटर-गोभी की ग्रेवी वाली सब्जी खाई जाती है.
खिचड़ी
दही-चूड़ा की तरह इस दिन खिचड़ी खाने की भी परंपरा है. खास बात ये कि आज की थाली में केवल खिचड़ी ही नहीं, बल्कि इसके चार यार-चटनी, पापड़, घी, अचार-भी बिना किसी भूल-चूक के परोसी जाती है! खिचड़ी की जगह आप पकोड़े वाली कढ़ी भी आजमा सकते हैं. सर्द दुपहरिया में चटपटी और तीखी कढ़ी से भरी कटोरी से खूबसूरत चीज़ और कुछ नहीं हो सकती. जिन लोगों को चावल के सेवन से परहेज़ है, वो पकौड़ी वाली कढ़ी इस दिन ज़रूर खाते हैं. बेसन और दही से बनने वाला यह पकवान हेल्दी भी होता है.
मीठी पोंगल
पोंगल एक तरह की खीर होती है. तमिलनाडु में पोंगल का त्योहार चार दिन तक मनाया जाता है. इस दौरान नए चावल के साथ गुड़, घी और काजू मिलाकर मीठी पोंगल बनाने और सूर्य देव को प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है. इसे एक तरह की खीर भी कह सकते हैं. इस डिश को चक्कारा पोंगल भी कहते हैं.
चॉकलेट रेवड़ी
चॉकलेट रेवड़ी मकर संक्रांति पर गिफ्ट भी कर सकते हैं. डार्क चॉकलेट और तिल का ये कॉम्बिनेशन रेवड़ी को एक अलग लेवल पर लेकर जाता है. घर पर आने वाली बच्चा पार्टी को ये बेशक पसंद आएगी. अगर आपका बच्चा तिल खाने से दूर भागता है तो उसे चॉकलेट रेवड़ी खिलाएं. इससे उसका टेस्ट भी खराब न होगा, और उसकी सेहत भी अच्छी रहेगी.
मक्के दी रोटी और सरसों का साग
यह कॉम्बिनेशन केवल लज़ीज़ ही नहीं, हेल्दी भी है.मकर संक्रांति को पंजाब में लोहड़ी के रूप में भी मनाया जाता है. ठंड में साग भी खूब खाई जाती है. हो सकता है कि आपके यहां इसे खाने की परंपरा न रही हो. लेकिन जनाब भारत की यही तो खासियत है. ऐसे में साल के इस पहले त्योहार पर यह लज़ीज़ पकवान चखना तो बनता है.
चलिए, इस बार देशभक्ति केवल सोशल मीडिया पर नहीं, थाली में भी दिखाइये और इसे उत्तर से लेकर दक्षिण तक
और पूरब से लेकर पश्चिम भारत तक के पकवानों से सजाइये!!!