इन चीजों को खाएंगे या पियेंगें तो गर्मी में भी रहेंगे सुपर कूल

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गर्मी का मौसम जानलेवा बनता जा रहा है. हर साल गर्मी अपने पिछले साल का रिकौर्ड तोड़ रही है. सर्दी के 3-4 महीने के अलावा पूरे साल गर्मी रहती है. लेकिन लाख चाहने के बाद भी घर पर बंद होकर तो रहा नहीं जा सकता. बाहर निकलना भी जरूरी है. कड़कड़ाती गर्मी और सड़क पर लगे जाम को झेलना भी. यह सब झेला जा सकता है, सेहत के प्रति थोड़ा सचेत रह कर. इसके लिए शरीर के साथ मन को भी तरोताजा और ठंडा होगा. गर्मी में शरीर को अधिक से अधिक पानी की जरूरत होती है. गर्मी के दिनों में शरीर का पानी सूखता है. इसलिए पानी के साथ अलग-अलग तरह के तरल की भी जरूरत पड़ती है. शरीर में पानी की कमी होना डिहाइड्रेशन कहलाता है. यह जानलेवा भी हो सकता है. इसलिए शरीर में पानी मात्रा को बनाए रखना जरूरी है.

पानी की मात्रा को बनाए रखने के लिए पानी काफी नहीं है. इसके साथ खाने के पैटर्न में भी बदलाव जरूरी है. डॉक्टर खाने के बजाए पेय पर ज्यादा से ज्यादा निर्भर रहने की सलाह देते हैं. वैसे इस मौसम में बाजार में किस्म-किस्म के शीतल पेय और बोतल से लेकर फलों के जूस के ताजा होने बड़े दावे करनेवाले ट्रेटा पैक के जूस आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. ये सब बेशक प्यास बुझाने और गर्मी से राहत देकर ठंडक जरूर महसूस कराते हैं. पर यह फौरी तौर पर राहत देते हैं. इस गर्मी में इतना काफी नहीं. सेहतमंद और पौष्टिक पेय भी जरूरी है, जो अंदरूनी तौर पर राहत दे. जाहिर है बोतलबंद और ट्रेटापैक जूस व पेय से बात नहीं बनेगी.

उमस भरी गर्मी में शरीर को अंदरुनी तौर पर ठंडा रखने के लिए प्रकृति ने भरपूर फल-मूल दिया है. अब सवाल है कि किस तरह का खाना खाने से बगैर किसी तरह की शारीरिक समस्या के गर्मी आराम से कट सकती है. ऐसे में सुझाए गए कुछ फल इस प्रकार है:

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खीरा:

रोज खाने में एक मंझोले आकार का खीरा खाएं. इसे काट पर भी खाया जा सकता और सलाद में शामिल करके भी. खीरे और पुदीने का रिफ्रेशिंग स्मूदी, खीरे का रायता शरीर को भीतर से ठंडा और तरोताजा बनाता है. खीरे में पाया जाने वाला पोटाशियम शरीर में पानी का संतुलन बनाने में मददगार है. हालांकि इसमें अन्य फल व सब्जी की तरह ढेर सारे विटामिन नहीं होने के बावजूद शरीर के रोजमर्रा की विटामिन सी और के की जरूतर को पूरा करता है. इसके अलावा इसके छिलके में स्टेरल नाम का एक और उपादान पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रोल की मात्रा को संतुलित बनाने में सहायक होता है. इसीलिए खीरे के छिलके को फेंकना मुनासिब नहीं है. खीरा इम्युन सिस्टम को भी मजबूत करता है.

नारियल पानी:

इसमें पाया जाता है एमिनो एसिड, इंजाइम्स, डाइटरी फाइबर, विटामिन सी और कई तरह के मिनरल मसलन पोटाशियम, मैग्निशियम और मैंगनीज पाया जाता है. पोषक तत्व से भरपूर यह एक प्राकृतिक एनर्जी ड्रिंक है. इस पर यह फैट और कोलेस्ट्रोल फ्री होता है. इसमें पाया जानेवाला पोटाशियम गर्मी के एहसास को कम करता है. इतना ही नहीं, डॉक्टरों का मानना है कि नारियल पानी अपने आपमें स्लाइन का विकल्प है. हमारे देश में हर जगह चिकित्सा की सुविधा नहीं होती. ऐसे जगहों में हाइड्रेशन के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए मरीजों को नारियल पानी पिलाया जाए तो यह शरीर में पानी की कभी को पूरा कर सकता है. यह डायबिटिज के मरीज के लिए लाभदायक है, क्योंकि यह शरीर में शक्कर के स्तर को नियंत्रित करता है.

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तरबूज:

रस से भरपूर तरबूत अपने आपमें एक ‘होल फूड’ भी है. शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखता है. स्वादिस्ट होने के साथ कई बीमारियों में यह रामवाण माना जाता है. दिल की बीमारी, डायबिटिज को नियंत्रित करता है. इसमें पाए जानेवाले विटामिन ए बी सी और आयरन इम्युन सिस्टम को मजबूती देता है. दिमाग को ठंडक देता है. जाहिर है गर्मी के मौसम में सिर को ठंडा रखेगा. रक्तचाप, कब्ज और खून की कमी को दूर करता है. सेहत के लिहाज में उपयोगी होने के साथ सौंदर्यवर्द्धक भी है यह तरबूज. इसमें पाया जानेवाला लाइकोपिन त्वचा को चमकदार बनाता है. इसके बीज को पीस कर चेहरे पर लगाने से निखार साफ नजर आता है. इसके पल्प को चेहरे पर रगड़ने से ब्लैक हेड निकल जाते हैं. इतनी खूबियों वाले तरबूज का बाजारू जूस पीने से बेहतर है इसे ताजा खाना व पीना.

बेल:

पका हो या कच्चा – दोनों हर तरह से बेल फायदेमंद होता है. गर्मी के दिनों में पके बेल का शरबत शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है. गर्मी केदिनों में अक्सर आंव-दस्त की समस्या होती है. तब पेट को ठंडा रखना जरूरी होता है. ऐसे में बेल फायदेमंद होता है. दरअसल यह फल पाचन व पेट संबंधी तमाम मर्ज की रामवाण दवा है. तेज गर्मी के दिनों में बेल का एक ग्लास शरबत लू से बचाता है. लू लग जाए तो इसके पल्प का लेप लू की जलन को भगा कर दवा का काम करता है. गर्मी में आंखे लाल हो जाती है, जलन महसूस होती है। ऐसी शिकायत होने पर बेल के पत्तों के रस का बूंद तुरंत लाभ पहुंचाता है. इसके रेशे कब्ज क शिकायत को दूर करते हैं. शक्कर, बेल का पल्प और नींबू मिला कर शरबत मन और शरीर को तरोताजा करता है. इसका मुरब्बा बल प्रदान करता है.

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स्ट्रोबेरी:

स्वाद में बढि़या होने के साथ गर्मी के दिनों के लिहाज से इसकी सबसे बड़ी खूबी है कि यह शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है, इसीलिए गर्मी के मौसम में उपयोगी है. इसमें विटामिन सी भूरपूर है, सर्दी-खांसी और संक्रमण से बचाव करता है. विटामिन सी त्वचा में कोलाजेन अधिक मात्रा में पैदा करता है, जो त्वचा को झुर्रियों से बचाता है. कुल मिला कर इम्युन सिस्टम के लिहाज से भी यह उपयोगी फल है. आंखों को इस विटामिन की जरूरत होती है, इसीके बल पर यह सूरज की कड़ी रोशनी और अल्ट्रावौएलेट रे से जूझता है. त्वचा को काला पड़ने से भी बचाता है. इसकी कमी से आंखों के लेंस की प्रोटीन नष्ट हो सकती है. चूंकि इसमें एंटीऔक्सीडेंट होता है यह तत्व आंखों के लिए तो अच्छा होता ही है; साथ में इसमें कैंसर से भी लड़ने वाले फ्लेवोनौएड, फोलेट और केंफेरौल भी होते है. फोलेट लाल रक्त कणिका में वृद्धि करता है. इसका पोटैशियम, मैग्निशियम हड्डियों के जोड़ के लिए जरूर पोषक खनिज है.

टमाटर:

यह भी शरीर में पानी की जरूरत को पूरा करता है. इसके अलावा टमाटर कैंसररोधी भी है. इसके अलावा इसे खाने के साथ लगाने के भी कई फायदे हैं. इसमें भी पाया जानेवाला लाइकोपेन सूरज की अल्ट्रावायलेट रे से त्वचा की रक्षा करता है. इसे त्वचा पर लगाया जाए तो सन टैनिंग दूर होती है और एक खास तरह की चमक पैदा होती है. इसका एंटीऔक्सिडेंट और विटामिन सी प्राकृतिक रूप से एस्ट्रेजेंट का काम करता है.

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