जन्मदिन विशेष: आज भी उतनी ही लुभाती हैं ये पांच फिल्में

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बॉलीवुड में जितने भी कलाकार आये हैं उन्होंने कभी न कभी दिलीप कुमार की नक़ल जरुर की है. सुपरस्टार शाहरुख खान तो इस बात को स्वीकार भी कर चुके हैं. आज दिलीप साहब के जन्मदिन पर उनकी पांच यादगार फिल्मों पर एक नजर जो आज भी उतनी ही नई लगती हैं.

1. देवदास (1955)

सरत चन्द्र चट्टोपाध्याय की ब्लॉकबस्टर नॉवेल ‘देवदास’ को हिंदी सिनेमा ने कई बार पर्दे पर उतारा। लेकिन, बिमल रॉय की दिलीप कुमार स्टारर फ़िल्म को आज भी क्लासिक फ़िल्म की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इस फ़िल्म के लिए दिलीप साहब को फ़िल्मफेयर अवार्ड्स में बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया था।

2. नया दौर (1957)

दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला स्टारर ‘नया दौर’ हिंदी सिनेमा की क्लासिक और बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है। बी आर चोपड़ा की इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़े थे और एक बार फिर फ़िल्मफेयर के बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिलीप कुमार को मिला।

3. मधुमती (1958)

डायरेक्टर बिमल रॉय और दिलीप कुमार की जोड़ी ने बॉलीवुड को कई हिट फ़िल्में दीं जिसमें से सबसे बेस्ट फ़िल्म है ‘मधुमती’। ट्रेजेडी, रोमांस और थ्रिल से भरी इस फ़िल्म में एक बार फिर दिलीप वैजयंतीमाला के साथ दिखाई दिए। इसके गाने ‘दिल तड़प तड़प के कह रहा है…’, ‘सुहाना सफ़र और ये मौसम…’ को लोग आज भी बहुत पसंद करते हैं।

4. मुग़ल-ए’आज़म (1960)

हिंदी सिनेमा की कल्ट-क्लासिक फ़िल्मों में से एक है दिलीप कुमार की यह फ़िल्म। कोई कैसे भूल सकता सलीम और अनारकली का वह प्यार? साल 2006 में इस फ़िल्म को रंगीन करके फिर से रिलीज़ किया गया था।

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5. बैराग (1976)

दिलीप कुमार और सायरा बानो की हिट जोड़ी ने ऑनस्क्रीन भी लोगों को खूब इम्प्रेस किया है। इसके गाने ‘छोटी सी उमर में…’, ‘मैं बैरागी नाचूं गाऊं..’ सुपरहिट थे।

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