नसबंदी ऑपरेशन के बावजूद बिहार में गर्भवती हुई महिला, स्वास्थ्य विभाग सचिव पर ठोंका मुकदमा
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक गर्भवती महिला ने डॉक्टरों के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में मुकदमा दर्ज कराया. महिला ने जिले के मोतीपुर पीएचसी में नसबंदी कराई थी, बावजूद इसके वो गर्भवती हो गई. अब महिला ने उपभोक्ता अदालत में 11 लाख रुपये हर्जाना देने की गुहार लगाई है. इसकी सुनवाई 16 मार्च को होनी है. इस मामले में उसने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव पर भी केस दर्ज कराया है.
मोतीपुर प्रखंड के अंतर्गत सरकारी अस्पताल में परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत 27 जुलाई 2019 को फुलकुमारी ने नसबंदी कराई थी. इस दौरान उसने सरकार की तरफ से बताए गए सभी निर्देशों का पालन किया था. महिला के पहले ही चार बच्चे हैं, जिनका खर्च उठा पाना उसके परिवार के लिए संभव नहीं है. परिवार नियोजन का ऑपरेशन कराने के बावजूद वो दो साल बाद वह पांचवीं बार गर्भवती हो गई है. ऐसे में उसकी आर्थिक हालत इस बच्चे के पालन पोषण की इजाजत नहीं दे रही है.
जब उसने इस बात की शिकायत मोतीपुर अस्पताल में की तो उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया. जिसमें भी उसके गर्भवती होने की पुष्टि हो गई है, तो वो हैरान रह गई.
परिवार नियोजन के बाद महिला के गर्भवती होने की मामले पर जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि इस तरह का मामला संज्ञान में आया है. ऐसे केस सामने आते हैं, जिन्हें फॉर्म भरने पर 30 हजार की राशि दी जाती है. इन्हें भी यह राशि दी जाएगी. ऑपरेशन के दौरान कुछ केस फेल हो जाते हैं.