रेलवे 2024 तक खत्म कर देगा ट्रेन में वेटिंग लिस्ट की व्यवस्था
रेलवे मांग आधारित पैसेंजर ट्रेन चलाने की योजना बना रहा है और उसका 2024 तक वेटिंग लिस्ट के प्रावधान को खत्म करने का प्लान है. साथ ही रेलवे फ्रेट मूवमेंट में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 27 फीसदी से बढ़ाकर 2030 तक 45 फीसदी पहुंचाने की योजना है. यह सब नेशनल रेल प्लान का हिस्सा है.
रेलवे ने साथ ही विजन 2024 के तहत 2024 तक फ्रेट मूवमेंट 2024 मिलियन टन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है जो 2019 में 1210 मिलियन टन था. पिछले साल टोटल नैशनल फ्रेट 4700 मिलियन टन था जिसमें रेलवे का हिस्सा 27 फीसदी था. इंडियन रेलवे ने 2026 तक टोटल नैशनल फ्रेट मूवमेंट के 6400 मिलियन टन पहुंचने का अनुमान लगाया है.
कितना आएगा खर्च
इसके लिए 2.9 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च चाहिए. रेलवे नैशनल रेल प्लान के बारे में स्टेकहोल्डर से सुझाव लेगा और एक महीने के अंदर इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसके अलावा रेलवे ऑपरेटिंग कॉस्ट को कम करेगा और फ्रेट टैरिफ को व्यावहारिक बनाने पर ध्यान देगा.
रेलवे ने सभी अहम परियोजनाओं को 2024 तक पूरा करने के लिए फंडिंग जुटाने का इंतजाम किया है. कोरोना के कारण कई महीने से रेल ट्रैफिक बंद है जिससे पैसेंजर ट्रेन रेवेन्यू में भारी नुकसान हुआ है. इस साल पैसेंजर रेवेन्यू के 15000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो पिछले साल 53 हजार करोड़ रुपये था. इस साल अब तक पैसेंजर ट्रेन रेवेन्यू 4600 करोड़ रुपये है. हालांकि फ्रेट रेवेन्यू और लोडिंग में 10 फीसदी तेजी का अनुमान है.