जानिए कैसे भारतीय नौसेना ने तोड़ी थी पाकिस्तान की कमर, 7 दिनों तक जलता रहा था कराची बंदरगाह
भारतीय नौसेना देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है. भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में भी भारतीय नौसेना का अहम योगदान है. नौसेना की बहादुरी को सलाम करने के लिए हर साल देश में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है. इस दिन भारतीय नौसेना की उपलब्धियों को याद किया जाता है. 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इंडियन नेवी ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. इस उपलब्धि की याद में 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना जश्न मनाती है. वर्तमान में भारतीय नौसेना अपने विशालकाय और एडवांस फीचर से लैंस युद्धक पोतों, सबमरीन्स के बलबूत दुनिया भर में चौथे स्थान पर आती है. जानिए इसकी खास बातें –
1. भारतीय नौसेना भारत की सशस्त्र सेना की समुद्री शाखा है. इसका नेतृत्व नौसेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है.
2. 17वीं शताब्दी के मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी भोंसले को भारतीय नौसेना का जनक माना जाता है.
3. इंडियन नेवी के मुंबई स्थित मुख्यालय में हर वर्ष नेवी डे धूमधाम से मनाया जाता है. नौसैनिक अपनी स्किल का प्रदर्शन कर अपना शौर्य जाहिर करते हैं. गेटवे ऑफ इंडिया बीटिंग रीट्रिट सेयरमनी का आयोजन किया जाता है.
4. क्यों मनाया जाता है ये दिवस
पाकिस्तानी सेना ने 3 दिसंबर 1971 को हमारे हवाई क्षेत्र और सीमावर्ती क्षेत्र में हमला बोल दिया था. जवाबी कार्रवाई में भारत ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ चलाया था. इसी के साथ 1971 के युद्ध की भी शुरुआत हुई थी. तब भारत ने पाकिस्तानी नौसेना के कराची स्थित मुख्यालय को निशाना बनाया था. यह हमला इतना जबरदस्त था कि कराची बंदरगाह पूरी तरह बर्बाद हो गया था और इससे लगी आग सात दिनों तक जलती रही थी. भारत के इस हमले ने पाकिस्तानी सेना की कमर तोड़ दी थी. इस युद्ध में सफलता हासिल करने वाली भारतीय नौसेना की ताकत और बहादुरी को याद करते हुए हर वर्ष 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाया जाता है.
5. भारतीय नौसेना की ओर से किए गए इस हमले में 3 विद्युत क्लास मिसाइल बोट, 2 एंटी-सबमरीन और एक टैंकर शामिल थे. इस युद्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था. इस हमले में पाकिस्तान के कई जहाज नेस्तनाबूद कर दिए गए थे. इस दौरान पाकिस्तान के ऑयल टैंकर भी तबाह हो गए थे.
6. भारतीय नौसेना की स्थापना 1612 में हुई थी. ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने जहाजों की सुरक्षा के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी मैरीन (East India Company’s Marine) के रूप में सेना बनाई थी. साल 1686 तक ब्रिटिश व्यापार पूरी तरह से बॉम्बे में स्थानांतरित हो गया. इसके बाद इस दस्ते का नाम ईस्ट इंडिया मरीन से बदलकर बॉम्बे मरीन (Bombay Marine) कर दिया गया. बॉम्बे मरीन ने मराठा, सिंधि युद्ध के साथ-साथ साल 1824 में बर्मा युद्ध में भी हिस्सा लिया.
7. साल 1892 में इसका नाम रॉयल इंडियन मरीन कर दिया गया.
8. भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया.
9. भारतीय नौसेना की ताकत
भारती नौसेना एक नजर में
विश्व रैंकिंग:4
कुल जहाजों की संख्या: 285
एयरक्राफ्ट कैरियर- 1
फ्राइगेट्स- 13
विध्वंसक पोत- 10
कोर्वेट्स – 19
सबमरीन्स की संख्या:16
निगरानी जहाजों की संख्या:139
माइन वारफेयर – 3
( डाटा स्त्रोत: www.globalfirepower.com)
10. भारतीय नौसेना के शौर्य को सलाम करने वाली एक शॉर्ट मूवी
“On the occasion of #NavyDay2020 we reaffirm #IndianNavy‘s steadfast commitment to the service of the Nation and towards ensuring our Maritime Security & Territorial Integrity”
Admiral Karambir Singh, Chief of the Naval Staff & all personnel of Indian Navy pic.twitter.com/t6LWHUyvjm— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 4, 2020