क्या है स्वदेशी फेलुदा टेस्ट जो 30 मिनट से भी कम समय में देता है कोरोना टेस्ट रिजल्ट

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भारत में ड्रग रेगुलेटर ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने 30 मिनट से कम समय में कोविड-19 की सटीक टेस्ट रिपोर्ट देने वाले सस्ते पेपर-बेस्ड टेस्ट स्ट्रिप को मंजूरी दे दी है. इसे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) और टाटा ग्रुप की रिसर्च टीम ने डेवलप किया है. इस टीम का नेतृत्व डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती और सौविक मैत्री कर रहे थे. इस टेस्ट का नाम फिल्ममेकर सत्यजीत रे के काल्पनिक जासूसी चरित्र फेलुदा के नाम पर रखा गया है.

क्या है फेलूदा

फेलुदा FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay ( FELUDA) का शॉर्टफॉर्म है. यह जीन-एडिटिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित है और नोवल कोरोनावायरस SARS-CoV2 के जेनेटिक मटेरियल को पहचानता है और उसे ही टारगेट करता है. यह टेस्ट उतना ही सटीक है जितना आरटी-पीसीआर टेस्ट. लेकिन फेलुदा के नतीजे जल्दी आते हैं और इसमें इस्तेमाल होने वाला डिवाइस बेहद सस्ता है. यह दुनिया का पहला डायग्नोस्टिक टेस्ट है जो वायरस को पहचानने के लिए Cas9 प्रोटीन का इस्तेमाल करता है.

कैसे काम करता है

फेलुदा टेस्ट प्रेग्नेंसी स्ट्रिप टेस्ट की तरह है. वायरस होगा तो कलर बदल जाएगा. इसका इस्तेमाल पैथ लैब में भी किया जा सकता है. डॉ. देबोज्योति चक्रबर्ती के मुताबिक Cas9 प्रोटीन को बारकोड किया गया है ताकि वह मरीज के जेनेटिक मटेरियल में कोरोनावायरस सिकवेंस का पता लगा सकें. इसके बाद Cas9-SARS-CoV2 कॉम्प्लेक्स को पेपर स्ट्रिप पर रखा जाता है, जहां दो लाइन (एक कंट्रोल, एक टेस्ट) बताती है कि मरीज को कोविड-19 है या नहीं.

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क्या है फेलुदा टेस्ट की लागत

फेलुदा टेस्ट पर 500 रुपए खर्च आता है जबकि आरटी-पीसीआर टेस्ट पर 1,600 रुपए से 2,000 रुपए तक लग रहे हैं. एंटीबॉडी टेस्ट के रिजल्ट 20-30 मिनट में आते हैं और उस पर 500 से 600 रुपए का खर्च है. रैपिड एंटीजन टेस्ट किट 30 मिनट में पॉजिटिव या निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट देती है, उसकी लागत 450 रुपए है. ट्रूनेट टेस्ट के रिजल्ट 60 मिनट में आते हैं और किट की कीमत 1,300 रुपए है.

फेलूदा नाम ही क्यों

वैसे तो फेलुदा यानी FNCAS9 Editor Linked Uniform Detection Assay है लेकिन बंगाली में सत्यजीत रे के प्रसिद्ध जासूसी किरदार का नाम भी यही है. डॉ. देबज्योति चक्रबर्ती ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे सत्यजीत रे के बड़े फैन हैं और यह नाम उनकी पत्नी ने पहली बार सुझाया था. प्रोदोष चंद्र मित्तर एक बंगाली जासूस है जो रे के उपन्यासों और लघुकथाओं में कई बार आया है. उपन्यासों में फेलुदा ने अपने कज़िन तापेश रंजन मित्रा के साथ कई एडवेंचर किए हैं. उनके साथ बहुत ही मजाकिया लाल मोहन बाबू भी रहता था. पिछले कुछ दशक में देश के अलग-अलग हिस्से में मामले की जांच करते हुए फेलुदा और उनके दो काल्पनिक साथी बंगाली साहित्य के प्रमुख किरदार बने रहे. फेलुदा एक ऐसे शातिर दिमाग के तौर पर पहचान रखते हैं जो हाजिरजवाब है और जल्द ही किसी भी अपराध को सुलझा लेते हैं. इसी वजह से सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने रैपिड कोविड-19 टेस्ट को उनका नाम दिया है.

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