आखिरी यात्रा पर रवाना हुआ आईएनएस विराट, विशाल जहाज को पूरी तरह तोड़ने में लगेगा एक साल
भारतीय नौसेना में करीब 30 साल तक सेवा देने के बाद युद्धपोत आईएनएस विराट शनिवार को अपने आखिरी सफर के लिए निकल गया. विराट को साल 2017 में युद्धपोत से डिकमिशंड (सेवानिवृत्त) कर दिया गया था. शनिवार को यह मुंबई से गुजरात के अलंग स्थित जहाज तोड़ने वाले यार्ड के लिए रवाना हो गया. भारतीय नौसेना का यह युद्धपोत रविवार देर रात भावनगर पहुंचेगा. अपनी सेवा के दौरान इसने 10 लाख समुद्री किलोमीटर (7,00,000 मील) से अधिक की दूरी को तय किया, जो पृथ्वी के 27 चक्कर लगाने के बराबर है.
देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा।
तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति।।… the Spirit lives on pic.twitter.com/RaAuCVPjGM
— SpokespersonNavy (@indiannavy) September 19, 2020
साल 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद आईएनएस विराट को अलंग के श्रीराम ग्रुप ने नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था. यह जहाज मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में लंगर डाले हुए था, लेकिन अब इसे अंतिम यात्रा पर अलंग के लिए रवाना कर दिया गया है. विराट को खरीदने वाले श्रीराम ग्रुप के चेयरमैन मुकेश पटेल ने बताया कि युद्धपोत में उच्च गुणवत्ता का स्टील इस्तेमाल किया गया है. यह बुलेटप्रूफ मटेरियल भी है और इसमें लोहा बिल्कुल नहीं हैं. इसका उपयोग मोटरबाइक्स बनाने के लिए किया जा सकता है.
श्रीराम ग्रुप ने कहा कि इसे पूरी तरह तोड़कर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदलने में एक साल का वक्त लगेगा. श्रीराम ग्रुप के पास एशिया का सबसे बड़ा स्क्रैपयार्ड है, जो गुजरात के अलंग में स्थित है. मुकेश पटेल ने कहा कि युद्धपोत के लोहे का उपयोग करके बाइक बनाने के लिए हमसे दो मोटरसाइकिल निर्माताओं ने संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है.
ब्रिटिश युद्धपोत है विराट
आईएनएस विराट को रॉयल नेवी में साल 1959 में शामिल किया गया था. यह मूलतः ब्रिटिश युद्धपोत है. भारत ने इसे साल 1986 में खरीदा था. यह इकलौता लड़ाकू विमान वाहक पोत है, जिसने ब्रिटेन और भारत की नौसेना में सेवाएं दी हैं. विराट ने देश के लिए कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ब्रिटेन की रॉयल नेवी के साथ इसने फॉकलैंड युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जुलाई 1989 में श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन ज्यूपिटर में हिस्सा लिया. 2001 के संसद हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी अहम भूमिका निभाई थी.
एक शहर की तरह था जहाज
आईएनएस विराट की लंबाई 226 मीटर और चौड़ाई 49 मीटर है. ये जहाज अपने आप में एक छोटे शहर की तरह था. यह जहाज एक पुस्तकालय, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाओं से लैस था. इस जहाज का वजन 28,700 टन था. इस पर 150 अफसर और 1500 नाविकों की तैनाती की जा सकती थी.