धरती पर यहां मिलती है सबसे साफ हवा
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने धरती पर मौजूद सबसे स्वच्छ हवा वाले स्थान को ढूंढ़ लिया है. यह हवा धरती के दक्षिणी छोर पर स्थित अंटार्कटिक महासागर के ऊपर चलती है. वैज्ञानिकों ने कहा कि यह हवा संसार में सबसे स्वच्छ है. यह मानव गतिविधियों के कारण उत्पन्न होने वाले प्रदूषक कणों से रहित है.
अपने तरह के इस पहले शोध में अंटार्कटिक महासागर के बायोएरोसोल का अध्ययन किया गया. शोधकर्ताओं ने इस दौरान एक ऐसे वायुमंडीलय क्षेत्र का पता लगाया जिस पर मानव गतिविधियों के कारण कोई फर्क नहीं पड़ता. वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र को सही मायने में पवित्र बताया है.
अंटार्कटिक महासागर के ऊपर चलने वाली हवा मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न होने वाले एरोसोल से मुक्त है. इस हवा में जीवाश्म ईंधन, फसलों की कटाई, ऊर्वरक और अपशिष्ट जल निपटारे आदि के कारण उत्पन्न होने वाले कण मौजूद नहीं थे. वायु प्रदूषण का कारण ये एरोसोल ही हैं. एयरोसोल हवा में ठोस-द्रव या गैस के रूप मे मौजूद रहने वाले कण हैं.
अंटार्कटिक महासागर के बादलों के गुणों को एरोसोल नियंत्रित करते हैं जो महासागर की जैविक प्रक्रिया से भी जुड़े हैं. ऐसा लगता है कि अंटार्कटिक महासागर दक्षिणी महाद्वीप से आए सूक्ष्मजीवों और पोषक तत्वों के फैलाव से अलग-थलग है.
वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक महासागर के ऊपर चलने वाली वायु का नमूना लेकर उसमें मौजूद सूक्ष्म जीवों के अध्ययन में पाया कि इनकी उत्पत्ति समुद्र में हुई है. इन सूक्ष्म जीवो के बैक्टीरियल कंपोजिशन के आधार पर दावा किया गया कि काफी दूर स्थित महाद्वीपों पर मौजूद एयरोसोल अंटार्कटिक महासागर की हवा तक नहीं पहुंच सके. यह अध्ययन पूर्व के उस अध्ययन के विपरीत है जिसमें कहा गया है कि ज्यादातर सूक्ष्म जीव महाद्वीपों की ओर से आने वाले हवा के जरिये फैलते हैं.
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