सीएसआईआर जापानी दवा का जेनेरिक संस्करण तैयार करेगी, कोरोना ट्रीटमेंट में होगा इस्तेमाल
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) जापान में प्रचलित इंफ्लुएंजा की दवा फेविपीरावीर का जेनेरिक संस्करण तैयार करेगी. साथ ही, उसने इस दवा को कोविड मरीजों पर आजमाने के लिए ड्रग कंट्रोलर से अनुमति भी प्राप्त कर ली है.
कोविड के खिलाफ दवा और टीके बनाने के लिए इस समय कई स्तरों पर कार्य हो रहा है. नई दवा खोजने के साथ ही पुरानी दवाओं को भी आजमाया जा रहा है. फेविपीरावीर इंफ्लुएंजा की दो दशक से भी ज्यादा पुरानी दवा है. हाल में जापान में कोविड रोगियों पर इसे प्रभावी पाया गया है. उसके बाद कई देशों ने इस पर अध्ययन शुरू किया है.
सीएसआईआर ने इस दवा के कोविड रोगियों पर दूसरे चरण के परीक्षणों की अनुमति हासिल कर ली है. आवश्यक तैयारियां पूरी करने के बाद जल्द ही कुछ अस्पतालों में 40-60 मरीजों पर इसका परीक्षण आरंभ किया जाएगा. इस दवा का पेटेंट अब खत्म हो चुका है, इसलिए इसका जेनेरिक संस्करण तैयार करने में कोई समस्या नहीं है. सीएसआईआर दवा कंपनी सिप्ला के साथ मिलकर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि यदि दवा भारत में भी कोविड उपचार में कारगर पाई गई तो मंजूरी मिलते ही इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन करना संभव हो सकेगा.
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