कोरोना पेशेंट्स के लिए नासा ने बनाया वेंटिलेटर, जानिए इसकी खासियत
कोरोना वायरस ने लोगों के फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. गंभीर मामलों में लोगों को वेंटिलेटर की जररूत पड़ने लगी. कई देशों में तो सैंकड़ों लोग वेंटिलेटर की कमी से ही मरे. मामले की गंभीरता को देखते हुए नासा ने कोविड-19 मरीजों के लिए एक खास वेंटिलेटर बनाया है.
क्या है यह नया वेंटिलेटर
यह हाई प्रेशर वेंटीलेटर है और आकार में छोटा होने के कारण उपयोग में बेहद आसान है. इसे खास तौर पर कोविड-19 मरीजों के लिए बनाया गया है. इससे परंपरागत वेंटिलेटर की आपूर्ति के लिए दबाव नहीं पड़ेगा. ऐसे में गंभीर हालत वाले मरीजों को परंपरागत वेंटिलेटर आसानी से उपलब्ध हो सकेगा. इस उपकरण को वेंटीलेटर इंटरवेंशन टेक्नोलॉजी एक्सेसिबल लोकली यानि VITAL नाम दिया गया है. इस वेंटिलेटर ने न्यूयार्क स्थिति इकहान स्कूल ऑफ मेडिसिन में आवश्यक टेस्ट पास कर लिए हैं
नासा की विशेषज्ञता भले ही चिकित्सकीय उपकरणों में नहीं स्पेसक्राफ्ट में हैं, लेकिन फिर भी वहां के वैज्ञानिकों ने शानदार इंजीनियरिंग, टेस्टिंग और रैपिड प्रोटोटाइप का नमूना पेश किया है.
क्या खास है VITAL में
वाइटल जल्दी बनाया जा सकता है. परंपरागत वेंटिलेटर की तुलना में इसका रखरखाव आसान होता है. इसके हिस्से भी काफी कम होते हैं. इसकी डिजाइन ऐसी है कि अस्थायी अस्पतालों की आवश्यकतानुसार इसमें बदलाव किया जा सकता है. नासा के अनुसार ये सभी अभी के सक्षम निर्माताओं की सप्लाई चेन में उपलब्ध होंगे.
अन्य वेंटिलेटर की तरह वाइटल के उपयोग के लिए भी मरीजों की हालत स्थिर होना चाहिए और ऑक्सीजन नली के माध्यम से उन्हें सांस दिलवाई जाती है. बेशक यह उपकरण परंपरागत वेंटिलेटर का विकल्प नहीं है. परंपरागत वेंटिलेटर सालों तक चलते हैं और बहुत से चिकित्सकीय मामलों में उपयोगी होते हैं. वहीं वाइटल की उम्र केवल तीन चार महीने होती है. यह खास तौर पर केवल कोविड-19 मरीजों के लिए बनाया गया है.
वाइटल बनाने के पीछे उद्देश्य है कि उन संभावित मरीजों की संख्या में कमी आ सके जिन्हें उच्चतर वेंटिलेटर सेवाओं की आवश्यकता पड़ सकती है.