अर्थ डे: रहस्यों से भरी है हमारी धरती, जानिए मजेदार फैक्ट्स
हमारी धरती रहस्यों से भरी पड़ी है. क्या आप जानते हैं सूरज की सतह के बराबर तापमान इस धरती के भीतर भी मौजूद है? और तो और दुनिया भर में लोगों के पास जितना सोना है, उससे 99 गुना अधिक सोना पृथ्वी की अंदर की परत में मौजूद हो सकता है. हर साल 22 अप्रैल को अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है. अर्थ डे के मौके पर आज हम आपको धरती से जुड़ी कुछ ऐसी ही मजेदार बातों से रूबरू करवा रहे हैं.
धरती पर अभी तक जितने भी सोने की खोज हुई है उसका 99 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की सबसे अंदर की परत में मौजूद है. लेकिन इसे अगर आप निकालना भी चाहेंगे तो निकाल नहीं पाएंगे. क्योंकि धरती के इस भीतरी हिस्से जिसे हम कोर भी कहते हैं वहां सूरज की सतह के बराबर गर्मी है. जहां बड़ी बड़ी चट्टाने तक पिघली हुई अवस्था में रहती हैं.
पृथ्वी के सबसे अंदर की परत का तापमान 9900 डिग्री फ़ारनहाइट है. जो सूर्य के सतह के तापमान के बराबर है.
पानी के बीच आग लगना वैसे तो कल्पना ज्यादा लगता है. लेकिन यह भी सच है कि धरती पर फूटने वाले ज्वालामुखियों में सबसे अधिक महासागरों और समुद्रों में होते हैं. धरती पर 90 फीसदी ज्वालामुखी की घटनाएं महासागरों में होती हैं.
क्या आप जानते हैं आपके पैरों तले की जमीन लगातार खिसक रही है? पृथ्वी पर मौजूद महाद्वीप हर साल 0.8 इंच खिसकते हैं. इस पृथ्वी पर घटित हो रही यह एक बेहद अजूबी घटना है.
इस धरती का 1/5000वां हिस्सा ऊंचे पहाड़ों से घिरा है, जबकि पृथ्वी का सबसे सबसे अधिक हिस्सा समुद्रों से ढंका है. पूरी धरती की सतह का 71 फीसदी हिस्सा पानी से ढंका है. सिर्फ एक फीसदी हिस्से में ही शेष दुनिया रहती है.
इस ब्रह्मांड में धरती पर आप सबसे सुरक्षित हैं. यदि आपको खुले अंतरिक्ष में बिना सुरक्षा उपायों के लिए छोड़ दिया जाए तो आप महज दो मिनट ही जिंदा रह पाएंगे.
क्या आप जानते हैं अंटार्कटिका में एक महासागर के पानी से भी ज्यादा बर्फ मौजूद है. जी हां, अटलांटिक सागर का पानी अंटार्कटिका की बर्फ के मुकाबले कम है. अगर ये बर्फ पूरी तरह पिघल जाए तो पृथ्वी पर भारी तबाही का मंजर होगा.
हमारी धरती को हर दिन आकाशीय बिजली के भी हमले झेलने पड़ते हैं. पृथ्वी पर प्रतिदिन आकाशीय बिजली के 86 लाख हमले होते हैं.
आज इंसानों ने धरती पर इस कदर प्रदूषण फैलाया है कि अंतरिक्ष से भले ही ग्रेट वॉल ऑफ चाइना दिखाई ना दे लेकिन धरती पर फैला प्रदूषण जरूर साफ साफ नजर आता है. पृथ्वी की सबसे कम दूरी-3.7 अरब मील-से ली गई तस्वीर में यह बेहद पतले नीले बिंदु की तरह दिखाई देती है.
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन दुनिया की सबसे महंगी बिल्डिंग है. इसको बनाने में 150 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए गए थे. अभी तक पृथ्वी में ऐसी कोई बिल्डिंग नहीं बनाई गई, जिसकी लागत अंतरिक्ष स्टेशन से अधिक हो.
अमेरिका के शीर्ष वैज्ञानिक संस्थान नासा के अनुसार हर दिन अंतरिक्ष से कचरे का कम से कम एक टुकड़ा पृथ्वी पर गिरता रहता है. यह कचरा विभिन्न अंतरिक्ष अभियानों के कारण भेजे गए उपग्रहों और अन्य वस्तुओं का होता है.