विश्व चैंपियनशिप मुक्केबाज़ी में 8 पदक जीतने वाली पहली खिलाड़ी बनी मेरी कॉम
छह बार की विश्व चैंपियन भारत की स्टार मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम को विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में बड़ा झटका लगा है. यूरोपियन चैंपियन और यूरोपियन गेम्स की मौजूदा चैंपियन तुर्की की बुसेनाज काकीरोग्लूकी ने मैरीकॉम को 4-1 से हराकर 51 किग्रा भार वर्ग में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीतने का उनका सपना तोड़ दिया है. हालांकि भारत ने रेफरी के निर्णय के खिलाफ अपील दर्ज करवाई है.
इस पदक के साथ ही विश्व चैंपियनशिप में मैरीकॉम के कुल आठ पदक हो गए हैं और वह ऐसा करने वाली दुनिया की पहली महिला मुक्केबाज भी बन गई हैं. पूरे मुकाबले में तुर्की की मुक्केबाज भारतीय मुक्केबाज पर हावी रही.
बुसेनाज ने आक्रामक शुरुआत की थी. मैरीकॉम के खिलाफ लो गार्ड के साथ खेलते हुए उन्होंने भारतीय चुनौती पर दबाव बनाया. तुर्की की मुक्केबाज में काफी तेजी थी, वहीं शुरुआती दो राउंड में मैरीकॉम काफी डिफेंसिव रहीं. हालांकि तीसरे राउंड में मैरी ने कुछ अच्छे और सटीक पंच भी लगाए. मुकाबले में मैरी ने एक बार तो अपना संतुलन भी खो दिया था. उन्होंने नीचे हाथ लगाकर खुद को गिरने से बचाया. वहीं उनकी विपक्षी खिलाड़ी ने पूरे रिंग को अच्छा कवर किया.
मैरी का विश्व चैंपियनशिप में 51 किग्रा भार वर्ग में यह पहला मेडल है. हालांकि उन्होंने लंदन ओलिंपिक में इसी भार वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. 36 साल की मैरी के नाम इस मेडल से पहले लगातार छह बार विश्व चैंपियनशिप का खिताब और एक सिल्वर मेडल है. पिछले साल भी मैरीकॉम ने कॉमनवेल्थ और 48 किग्रा में वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब जीता था