इस मंदिर में रोबोट्स देंगे प्रवचन, बताएँगे जीवन की समस्याओं का समाधान
आज के समय में जब युवा पीढ़ी केवल तकनीक की ही भाषा समझने लगी है. तब युवाओं को धर्म से जोड़ने के लिए मंदिरों में पुजारी के रूप में रोबोट्स का इस्तेमाल करने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं. जापान में 400 साल पुराना एक मंदिर बौद्ध धर्म में लोगों की रुचि को जगाने के लिए रोबोटिक पुजारी का इस्तेमाल करने की कोशिश में है.
लोग इसकी तुलना “फ्रांकेंस्टाइन के मॉन्स्टर” से कर रहे हैं जो एक काल्पनिक किरदार था और मिट्टी से इंसान बना कर उनमें आग भर देता था. क्योटो के कोदाइजी मंदिर में एंड्रॉयड रोबोट दया के देव जैसा है जो प्रवचन देता है. इसके समर्थकों का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ यह एक दिन असीमित ज्ञान हासिल कर लेगा. यह रोबोट कभी नहीं मरेगा, खुद को अपडेट करता रहेगा ओर बेहतर होता जाएगा. रोबोट की यही खूबसूरती है. यह ज्ञान को हमेशा के लिए और असीमित मात्रा में जमा रख सकता है. अपनी इसी खूबी के कारण यह लोगों की बेहद मुश्किल समस्याओं में भी मददगार होगा. बौद्ध धर्म में आया यह बहुत बड़ा परिवर्तन है.
यह रोबोट अपना सिर, धड़ और हाथ हिला भी सकता है. जब यह अपने हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता है या फिर नर्म आवाज में बोलता है तो इसके मशीनी पुर्जे नजर आते हैं. इसके कपाल और एल्युमिनियम से बने बाकी शरीर में जलती बुझती बत्तियां और तार लगे हैं. इसकी बाईं आंख में छोटा सा कैमरा लगा है. कुल मिलाकर इसकी आकृति हॉलीवुड साइंस फिक्शन फिल्मों जैसी ही दिखती है.
करीब 10 लाख डॉलर की लागत से इस रोबोट को तैयार किया गया है. इस ह्यूमनॉयड को मिंदर नाम दिया गया है और यह अहंकार, क्रोध, इच्छाओं के खतरे और करुणा के बारे में बात करता है. यह पूजा करने वालों को उनके झूठे अहंकार के बारे में चेतावनी देता है.