यूनियन बजट 2019: क्या क्या फायदे दे रहा है आपको यह आम बजट
देश की पहली महिला पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट से कुछ उम्मीदें पूरी हुईं तो कुछ पर पानी फिर गया। वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट में मध्यम वर्ग को सीधे-सीधे टैक्स स्लैब्स में छूट तो नहीं दी, लेकिन घर और वाहन खरीद पर टैक्स छूट का तोहफा जरूर दिया। आइए देखते हैं वित्त मंत्री ने बजट में कौन-कौन से बड़े ऐलान किए, जानिये उनकी ही जुबानी…
घरों के लिए लोन पर टैक्स छूट बढ़ी
ब्याज भुगतान पर टैक्स में 2 लाख रुपये तक की छूट दी जाती थी। लेकिन अब अतिरिक्त 31 मार्च 2020 तक लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर टैक्स में 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त छूट मिलेगी। यानी, 45 लाख रुपये तक की कीमत वाले अफोर्डेबल हाउस खरीदने के लिए लोन लेने वालों को 3.5 लाख रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट दी जाएगी। वित्त मंत्री के मुताबिक, 15 साल के लोन पीरियड में घर खरीदार को अब 7 लाख रुपये का लाभ होगा।
पेट्रोल-डीजल, सोना महंगा
पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपये सेस बढ़ाया गया। गोल्ड और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर कस्टम ड्यूटी 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया।
नकदी निकासी पर लेवी
बैंक खाते से साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश विदड्रॉल पर 2 प्रतिशत लेवी देना पड़ेगा। सरकार ने यह व्यवस्था नकदी लेनदेन की आदत खत्म करने के लिए लाई है। वहीं, डिजिटल पेमेंट पर कन्ज्यूमर से कोई अतिरिक्त चार्ज या एमडीआर नहीं वसूला जाएगा।
पैन की जगह आधार से होगा काम
जिनके पास पैन कार्ड नहीं है, उन्हें सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब जहां कहीं भी पैन कार्ड की जानकारी मांगी जाएगी, वहां आधार नंबर देकर काम पूरा किया जा सकेगा। इसलिए अब इनकम टैक्स भरने के लिए पैन की अनिवार्यता खत्म हो गई है। अगर पैन की जगह आधार नंबर दे दिया जाए तो इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) भरने की छूट मिल जाएगी।
25% के न्यूनतम कॉर्पोरेट टैक्स स्लैब का दायरा बढ़ा
400 करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियों को 25% के सबसे निचले टैक्स स्लैब के दायरे में ला दिया गया है। इससे पहले 250 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाली कंपनियां ही इस दायरे में थीं। नए फैसले से अब 99.30 प्रतिशत कंपनियां 25% के कॉर्पोरेट टैक्स के दायरे में आ जाएंगी जबकि सिर्फ 0.70 प्रतिशत कंपनी ही इससे बाहर रहेंगी।
डायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू में 78% वृद्धि
प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) से प्राप्त राजस्व में 78% की वृद्धि हुई है। इसके 6.38 लाख करोड़ वित्त वर्ष 2013-14 करीब 11.37 लाख करोड़ 2018-19 हर वर्ष दोगुनी गति से बढ़ रही है।
एक सरकारी बैंक से सारे बैंकों तक पहुंच की सुविधा
आम नागरिकों की जीवन आसान बनाने (ईज ऑफ लिविंग) के लिए ऑनलाइन पर्सनल लोन, डोर स्टेप बैंकिंग, एक सरकारी बैंक में खाता खुलवाकर सारे सरकारी बैंकों की सुविधा लेने की छूट देने जैसी व्यवस्था की जा रही है। अभी किसी के खाते में कोई दूसरा व्यक्ति कैश जमा कराता है तो खाताधारक को उस व्यक्ति के बारे में पता नहीं चल पाता है। इससे खाताधारक मुश्किल में पड़ जाता है। हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं जिससे खाताधार को यह पता चले कि उसके खाते में कौन कैश जमा करवा रहा है।
महिला उद्यमियों को बढ़ावा
इस सरकार ने मुद्रा, स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) जैसी तमाम योजनाओं से विमन आंट्रप्रन्योरशिप को बढ़ावा दिया है। आगे भी महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए विमन एसएचजी इंट्रेस्ट सबवेंशन प्रोग्राम को हर जिले में लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है। साथ ही, हर महिला वेरिफाइड एसएचजी (सेल्फ हेल्प ग्रुप) मेंबर जिसके पास जनधन अकाउंट है, उन्हें 5 हजार रुपये की ओवरड्राफ्ट फसिलिटी दी जाएगी। साथ ही, मुद्रा योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की हर वेरीफाइड महिला सदस्य को 1 लाख रुपये तक लोन लेने की अनुमति दी जाएगी।
ग्रामीण रोजगार के लिए स्फूर्ति योजना की शुरुआत
यह देखते हुए कि आज भी देश की बड़ी आबादी गावों में रहती है और खेती और पारंपरिक व्यवसायों पर निर्भर रहती है, स्किम ऑफ फंड फॉर अपग्रेडेशन ऐंड रीजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (SFURTI) योजना के तहत ज्यादा कॉमन फसिलिटी सेंटर्स स्थापित किए जाएंगे और ऐग्रो रूरल इंडस्ट्री सेक्टर में 75 हजार स्किल्ड आंट्रप्रन्योर्स तैयार किए जाएंगे। हम किसानों के उगाए फसलों में मूल्यवर्धन के लिए प्राइवेट आंट्रप्रन्योरशिप को बढ़ावा देंगे। हम बांस, लकड़ी और रीन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में किसानों को बड़ी मदद देने जा रेह हैं। हमारी सरकार अन्नदाता को ऊर्जदाता भी बनाएगी। इसके लिए बहुत सारे कार्यक्रम तैयार किए गए हैं।
उच्च शिक्षा व्यवस्था में सुधार
पांच साल पहले दुनिया के टॉप 200 में देश का एक भी शैक्षणिक संस्थान नहीं आता था। आज दो आईआईटी समेत तीन संस्थान इस लिस्ट में आते हैं। उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए रेग्युलेटरी सिस्टम में और सुधार लाया जाएगा ताकि देश में उच्च शिक्षा का माहौल अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन सके।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
मोदी सरकार ने पिछले 1000 दिनों में 130 से 135 कि.मी. लंबी सड़कें रोज बनाईं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रीन टेक्नॉलजी के इस्तेमाल से 30 हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जा चुकी हैं। इसमें वेस्ट प्लास्टिक और कोल मिक्स्ड टेक्नॉलजी से कार्बन फुटप्रिंट को कम किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1.25 लाख कि.मी. सड़कों को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। इस पर 80,250 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना का दूसरा चरण
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के दूसरे चरण में 2020 से 2021-22 के दौरान 1.95 करोड़ घरों के आवंटन का लक्ष्य रखा गया है। इनमें शौचालय, बिजली कनेक्शन और गैस (एलपीजी) की सुविधा होगी। 2015-16 में इस योजना के तहत घर बनाने में 314 दिन लग जाया करते थे, लेकिन प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्लैटफॉर्म के इस्तेमाल से इसे घटाकर अब महज 114 दिनों तक ला दिया गया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर फंडिंग
भारत में हर साल 20 लाख करोड़ रुपये निवेश की जरूरत है। इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंसिंग के लिए साधनों को लेकर कई सुधारों के प्रस्ताव किए गए हैं। क्रेडिट गारंटी एन्हैंसमेंट कॉर्पोरेशन के लिए आरबीआई से नोटिफेशन आ चुका है। इसकी स्थापना 2019-20 में हो जाएगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड्स और एनबीएफसी की ओर से जारी डेट सिक्यॉरिटीज में एफआईआई और एफआई निवेश को घरेलू निवेशकों को निश्चित अवधि के लिए ट्रांसफर करने की अनुमति दी जाएगी। सरकार नदियों से मालवहन करने का नजरिया रखती है। जलमार्ग विकास परियोजना के तहत वाराणसी में एक मल्टिमॉडल टर्मिनल नवंबर से फंक्शनल है। साहिबगंज और हल्दिया में दो और टर्मिनल्स बन रहे हैं। बजट भाषण में इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर विशेष जोर दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने सड़क, जलमार्ग और वायुमार्ग को मजबूती प्रदान करने के मोदी सरकार के लक्ष्यों का जिक्र किया।
हमने अपने नागरिकों की आशा, विश्वास और आकांक्षा के दम पर पिछले पांच वर्षों में देश की जीडीपी में 1 लाख करोड़ रुपये जोड़े। इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था 3 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी ऐसा वित्त मंत्री ने कहा है.
देश के विकास के लिए 10 दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए सीतारमण ने फिजिकल-सोशल इन्फ्रास्ट्रक्चर से लेकर डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर तक और मेक इन इंडिया से लेकर ब्लू इकॉनमी तक की चर्चा की।
यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार के विकास का नजरिया है और आगे भी रहेगा- ‘मजबूत देश के लिए मजबूत नागरिक’
बजट को कैबिनेट की मंजूरी
संसद में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक चल रही है। इस बैठक में बजट प्रस्तावों को केद्रीय मंत्रीमंडल की मंजूरी मिलेगी उसके बाद इसे संसद में पेश किया जाएगा। बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण पर संसद के दोनों सदनों, राज्यसभा एवं लोकसभा, में बहस होगी जिसके बाद इसे संसद की भी मंजूरी दी जाएगी।