10 जून की रात इत्तू करीब से देखिये बृहस्पति ग्रह को

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सोमवार यानी 10 जून को सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति धरती के सबसे अधिक नजदीक होगा। पृथ्वी के सबसे पास होने की वजह से बृहस्पति ग्रह अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देगा। यहीं नहीं बृहस्पति के साथ ही उसके चार चंद्रमाओं को भी देखा जा सकेगा। यानी आप पूरी रात बृहस्पति व इसके चंद्रमाओं को निहार सकेंगे।

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक का कहना है कि 10 जून की रात को 8.41 मिनट पर बृहस्पति की पृथ्वी से दूरी न्यूनतम हो जाएगी। बृहस्पति से पृथ्वी की दूरी 640.91 मिलियन किमी रह जाएगी। जो कि पिछले साल यह दूरी 658 मिलियन किमी थी। यानी पिछले साल की अपेक्षा बृहस्पति गृह पृथ्वी के अधिक नजदीक होगा। उन्होंने बताया कि इस अवस्था को बृहस्पति का अपोजिशन कहा जाता है। इसमें पृथ्वी, सूर्य और बृहस्पति एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य दूरबीन से लोग बृहस्पति व उसके चंद्रमाओं को देख सकते हैं। पूर्व दिशा की ओर से इसका उदय होगा। बताया कि अपोजिशन की अवस्था देखने के साथ फोटोग्राफ लेने के लिए सबसे अधिक उपयुक्त है।

बृहस्पति के चारों चंद्रमा देख सकेंगे

काफी नजदीक होने के कारण लोग इस ग्रह के चारों चंद्रमाओं गैलेलियन मूनस आयो, यूरोपा, कैलिस्टो और गैनीमेड को देख सकेंगे। ख़ास बात यह है कि गैनीमेड बृहस्पति का सबसे बड़ा चंद्रमा है। इसको सौरमंडल का सबसे बड़ा चंद्रमा माना जाता है। इसका व्यास बुध ग्रह के व्यास से लगभग 5268 किमी अधिक है। वर्ष 1610 में गैलीलियो गैलिलिनी ने सबसे पहले बृहस्पति को अपने हाथों से निर्मित दूरबीन से देखा था। इस दौरान गैलीलियो को उसके चारों ओर चक्कर लगाते हुए ये चारों चंद्रमा भी दिखाई दिए थे। इसी वजह से इन चारों बड़े चंद्रमाओं को गैलेलियन मूनस कहा जाता है।

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बृहस्पति की सतह पर लाल धब्बे का नजारा ले सकेंगे

बृहस्पति की सतह पर बना एक बहुत बड़ा लाल धब्बा भी इस दौरान दिखाई देगा। दरअसल सतह पर बना यह धब्बा एक वायुमंडलीय तूफान है। इसे ग्रेट द रेड स्पॉट के नाम से जाना जाता है। इस धब्बे का आकार हमारी धरती के आकार से भी ज्यादा है।

2022 में सबसे करीब होगा

बृहस्पति वर्ष 2022 में पृथ्वी के सबसे करीब होगा। 26 सितंबर को बृहस्पति की पृथ्वी से दूरी 59.13 करोड़ किमी रह जाएगी। यह अवस्था वर्ष 2100 तक पृथ्वी से सबसे करीब की अवस्था होगी। अगले साल 14 जुलाई को यह दुर्लभ घटना घटित होगी।

 

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