एयर होस्टेस की सूझ बूझ से बच सकी थी 31 यात्रियों की जान
मास्को के शेरेमेटयेवो एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे में एक एयरहोस्टेस की वजह से 31 यात्रियों की जान बच गई। रूसी एयरलाइन एयरोफ्लोट के सुखोई सुपरजेट में रविवार को टेकऑफ के बाद अचानक आग लग गई। जैसे ही पायलट को पता चला, विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। लैंडिंग के लिए आते विमान के पिछले हिस्से से ऊंची-ऊंची लपटें उठती देखी गईं।
लैंडिंग के तुरंत बाद यात्रियों को तेजी से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक बेहद नुकसान हो चुका था। 2 बच्चों समेत 41 लोगों की मौत चुकी थी। 9 लोग जख्मी हुए। इनमें तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। विमान में पांच क्रू मेंबर समेत 73 यात्री सवार थे। यह फ्लाइट मास्को से मुरमांस्क जा रही थी।
आग लगने के बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग के वक्त हालात बेहद खराब थे। विमान के पिछले हिस्से में आग लगने और धुआं होने की वजह से यात्री परेशान और बेहद घबराए हुए थे। जैसे ही विमान रुका एयरहोस्टेस तात्याना कसाटकिना ने तेजी दिखाते हुए यात्रियों की कॉलर पकड़ी और धक्का देकर विमान के बाहर कर उनकी जान बचाई। इस हादसे में 41 यात्रियों की मौत हो गई।
किक मारकर दरवाजा खोला
34 साल की तात्याना ने बताया, “जैसे ही विमान रुका मैंने दरवाजे को किक मारकर खोला और उन यात्रियों को जबरन विमान से निकाला जो अपने बैग या दूसरे सामान लेने की वजह से इमरजेंसी स्लाइड से बाहर निकलने में देरी कर रहे थे। मैंने पीछे से यात्रियों की कॉलर पकड़ी और धक्का देना शुरू कर दिया। हम जल्द से जल्द विमान खाली करना चाहते थे, क्योंकि पिछला हिस्सा आग की वजह से नष्ट हो चुका था। आग हमारी और बढ़ रही थी। काला धुआं बढ़ता जा रहा था।”
इस हादसे में बचे यात्रियों ने तात्याना की तारीफ की। उन्होंने बताया कुछ यात्रियों ने उनके लगैज के लिए आपातकालीन निकासी को प्रभावित किया। एयरहोस्टेस ने सही वक्त पर तेजी से फैसला लिया और हमारी जान बचाई।
बिजली गिरने की वजह से हुआ हादसा
रूसी मीडिया के मुताबिक, हादसा आकाशीय बिजली गिरने की वजह से हुआ। उधर, तात्याना ने बताया कि टेकऑफ के वक्त तेज ओलावृष्टि हो रही थी। हमें बाहर तेज आवाज सुनाई दे रही थी। फिर धमाका हुआ। उसके बाद काला धुआं दिखाई दिया।
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