आप तक पहुँचने वाले आम में कौन कौन से केमिकल हैं, यहाँ जानिये

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गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा पसंद किया जानेवाला फल है आम। इसे आम और खास, सभी लोग बड़े शौक से खाते हैं। यह हमारी सेहत को दुरुस्त बनाए रखने में मददगार है। अगर आप बहुत ज्यादा और बेवक्त आम खाते हैं तो इससे आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंच सकता है। आम से जुड़ी ऐसी ही कुछ जरूरी जानकारियां बता रहे हैं हम आपको यहाँ-

आम पकाने का तरीका
कच्चे आमों को सीधे किसानों से खरीदकर ट्रकों में मंडी पहुंचाया जाता है। वहां से रिटेलर कच्चे आमों की पेटियां खरीद लेता है और बाजार की मांग के हिसाब से आम को पका-पकाकर बेचता रहता है।

कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide)
भारत में ज्यादातर आम इसी के उपयोग से पकाए जाते हैं। कैल्शियम कार्बाइड (Calcium Carbide) से आम पकाना काफी आसान और सस्ता होता है। कार्बाइड को आम की पेटी में रखकर एक दिन के लिए छोड़ दिया जाता है और अगले ही दिन आम पककर तैयार हो जाते हैं। कार्बाइड सेहत के लिए हानिकारक है। यह फल के अंदर मौजूद नमी के साथ मिलकर एसिटीलीन (Acetylene) गैस बनाता है, जिससे फिर एसिटाइलिड (Acetylide) बनता है इससे कैंसर, दमा जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

चीनी पुड़िया (Ethephon)
आम पकाने के लिए आजकल इथेफोन (Ethephon) का इस्तेमाल किया जाता है। इसे चीन से मंगाया जाता है। यह सफेद रंग का पाउडर सैशे होता है। इस पुड़िया को हल्के गुनगुने पानी में डुबोकर आम की पेटी के बीच में रखकर छोड़ दिया जाता है। इससे निकलने वाली गैस से 18 से 20 घंटे के अंदर आम पककर तैयार हो जाते हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में समय-सीमा का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है क्योंकि कम समय में अगर पुड़िया को पेटी से बाहर निकाल लिया जाता है तो आम कच्चे रह जाएंगे और ज्यादा समय के लिए पेटी में छोड़ दिया जाए तो ज्यादा पकने से उनके खराब होने और गलने की आशंका बढ़ जाती है।

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राइपनिंग चैंबर
आम को पकाने का सबसे बेहतरीन तरीका राइपनिंग चैंबर का इस्तेमाल है। इसमें आम को चैंबर में रखकर एथिलीन गैस का कसंट्रेशन पावर 80 से 100 ppm तक रखा जाता है। इस दौरान कमरे का तापमान 18 डिग्री तक होना चाहिए। इस प्रक्रिया के तहत 12 से 18 घंटे के अंदर आम पककर तैयार हो जाते हैं। ऐसे पकने वाले आम स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं होते। इन आमों का रंग दिखने में इतना आकर्षक होता है कि देखते ही इन्हें खाने का मन हो जाएगा। इस तरीके से पके आमों का स्वाद भी बेहद ही लजीज होता है।

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