क्या सुचित्रा सेन ने इंदिरा गांधी को डरा दिया?
1975 में रिलीज होने वाली नामी फिल्म थी ‘आंधी’. तब देश में इमरजेंसी का दौर चल रहा था. इसमें सुचित्रा के किरदार आरती को लोगों ने इंदिरा गांधी से जोड़कर देखा था. इस वजह से जबरदस्त विवाद शुरू हो गया और फिल्म को बैन कर दिया गया. स्थिति ये हो गई कि इमरजेंसी खत्म होने के बाद ही फिल्म रिलीज हो पाई.
दरअसल निर्माता जे. ओमप्रकाश ने डायरेक्टर गुलजार के सामने सुचित्रा सेन और संजीव कुमार को लेकर एक फिल्म बनाने का प्रस्ताव रखा था. इसकी पटकथा सचिन भौमिक ने लिखी थी जो गुलजार को पसंद नहीं आई और उन्होंने खुद एक पटकथा लिखनी शुरू की. ये कहानी एक ताकतवर महिला राजनेता और एक फाइव स्टार होटल के मालिक के संबंधों पर आधारित थी.
स्क्रिप्ट लिखने के बाद गुलजार को पता चला कि ‘काली आंधी’ नाम से कमलेश्वर ने एक उपन्यास लिखा है. फिर गुलजार ने कमलेश्वर से अनुरोध किया कि उनकी कहानी फिल्म में शामिल करने की मंजूरी दे. तब जाकर भौमिक-गुलजार-कमलेश्वर की तिकड़ी की स्क्रिप्ट पर ‘आंधी’ बनी. आज भी लोग सुचित्रा को ‘आंधी’ से रिलेट करके याद करते हैं.
जब ये फिल्म इंदिरा गांधी के शासन में बैन कर दी गई तो समीक्षकों ने कहा कि “सुचित्रा ने अपने अभिनय से इंदिरा गांधी को डरा दिया है.”