क्या वाकई में नुकसान पहुंचाती है आपकी ये आदत?
आप में से कितने लोगों को अपनी उंगलियां चटकाने या फुटकाने की आदत है? कई लोग स्ट्रेस रिलीज करने के तौर पर अपनी उंगलियां चटकाते हैं. वहीं कुछ लोग बहुत चलने से थक जाने पर पैरों की उंगलियों को चटकाते हैं. याद है, बचपन में उंगलियां चटकाने पर डांट पड़ती थी और कहा जाता था कि ऐसा करने से उंगलियां मोटी हो जाएंगी. यही नहीं, ये भी कहा जाता था कि उंगलियां चटकाने से आगे चलकर अर्थराइटिस का भी खतरा हो सकता है. हालांकि अब तक विशेषज्ञ उंगलियां चटकाने और अर्थराइटिस के बीच किसी तरह के लिंक से इनकार करते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे किसी तरह का नुकसान हो ही नहीं सकता.
कई डॉक्टर्स का मानना है कि अर्थराइटिस होने का खतरा हो या न हो, लेकिन उंगलियां चटकाना सही नहीं है. आदर्श रूप में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि उंगलियां चटकाने की आदत से आप हड्डी के दो छोर को लगातार आपस में घिस रहे हैं, जिन्हें सामान्य तौर पर ग्लाइड करना है. इस तरह की रगड़ से शुरू-शुरू में कुछ नहीं होगा, पर आगे जाकर कभी-कभी अगर हड्डियों के जोड़ घिस जाते हैं, तो परेशानी हो सकती है.
उंगलियां चटकाने की आदत से आगे चलकर अर्थराइटिस होने की आशंका या फिर उंगलियों के जोड़ों में किसी भी तरह की दिक्कत के बारे में पता करने के लिए कई स्टडीज की जा चुकी हैं. उंगलियां चटकाने की आदत और हाथ का ऑस्टियोअर्थराइटिस होने के खतरे को लेकर 215 लोगों पर की गई एक स्टडी में पाया गया था कि इस आदत का अर्थराइटिस से कोई संबंध नहीं है.
लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं है कि उंगलियां चटकाना पूरी तरह से सुरक्षित है. कुछ स्टडीज भी बताती हैं कि उंगलियां चटकाने से हाथ में चोट आ सकती है. इससे सॉफ्ट टिश्यूज में सूजन आ सकती है. 1990 में एक स्टडी में बताया गया था कि काफी लंबे वक्त से उंगलियां चटकाने का बुरा असर पड़ सकता है. रिसर्चर्स ने 300 लोगों पर स्टडी की और पाया कि जो लोग अपनी उंगलियां फुटकाते हैं, उनमें सूजन और हाथों की पकड़ कमजोर होने की आशंका ज्यादा होती है. हालांकि इस स्टडी को 2017 में आई एक स्टडी में गलत कहा गया है. इसके मुताबिक उंगलियां चटकाने का हाथों की पकड़ पर कोई असर नहीं पड़ता. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जब इससे कोई फायदा नहीं है, तो उसे क्यों किया जाए. अगर इस आदत के कारण इत्तेफाक से भी जोड़ घिस गए, तब क्या करेंगे? कुछ स्टडीज कहती हैं कि उंगलियां चटकाने के नुकसान हैं, तो कुछ अध्ययन कहते हैं कि कोई नुकसान नहीं है. ऐसे में अगर उंगलियां चटकाने से किसी भी तरह के नुकसान की आशंका है, तो रिस्क लेने की भी क्या जरूरत है?
कुछ लोगों को क्यों भाता है उंगली फुटकाना
डॉक्टरों के मुताबिक जब आप अपनी उंगलियां चटकाते हैं, तो जोड़ों में ढीलापन आता है और कुछ समय के लिए ज्यादा गतिशीलता महसूस होती है. इसी वजह से कुछ लोगों को उंगलियां चटकाना अच्छा लगता है और उन्हें इसकी आदत तक पड़ जाती है. कुछ लोगों को ऐसा कर तनाव से राहत का भी अनुभव होता है. क्या आपको इसकी आदत पड़ गई है? अगर आपको उंगलियां चटकाने की आदत पड़ गई है और आप इससे छुटकारा चाहते हैं, तो ये टिप्स अपना सकते हैं.
अपने हाथ व्यस्त रखें: हाथ में पेंसिल या सिक्के रखे रहें ताकि उंगलियां चटकाने की जरूरत न महसूस हो.
अपना ध्यान कहीं और लगाएं: जब भी आपका मन उंगलियां चटकाने का करे, तो तुरंत कोई दूसरा काम करने लगें.
रबर बैंड का करें इस्तेमाल: कुछ लोग इस आदत से छुटकारा पाने के लिए कलाई पर रबर बैंड का इस्तेमाल करते हैं.
प्रोफेशनल मदद लें: अगर इस आदत से आपकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है, तो डॉक्टर या थेरेपिस्ट कुछ तरह की बिहेवेरियल थेरेपी दे सकते हैं.
कुल मिलाकर अब तक की जिन स्टडीज को ज्यादा माना जाता है, उनके मुताबिक उंगलियां चटकाने का कोई गंभीर असर नहीं होता, जिसके बारे में ज्यादा चिंता करने की जरूरत हो. स्टडीज यही कहती हैं कि इस आदत से अर्थराइटिस नहीं होता, हालांकि ऐसी आशंका जताई जाती है कि उंगलियां चटकाना आगे चलकर जोड़ों और लिगामेंट में चोट या क्षति का कारण बन सकता है.